अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए आमरण अनशन का दूसरा दिन

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ऋषिकेश -युवा न्याय संघर्ष समिति 37 दिन हो गए धरने पर बैठे हुएऔर साथ ही आमरण अनशन के 2 दिन हुए ।आमरण अनशन पर शकुन्तला रावत व साथ ही क्रमिक अनशन पर लक्ष्मी बुडाकोटी, रामेश्वरी चौहान, व लक्ष्मी कठेत बैठे।

वृस्पतिवार को आंदोलनकारी शकुंतला रावत कहती है धरने पर बैठे हुए हमेशा 30 दिन हो गए हैं और आमरण अनशन के 2 दिन हो गए हैं सीबीआई जांच करने की तो दूर की बात है यहां पर कोई पूछने भी नहीं आ रहा है कि यहां पर क्यों बैठे हैं जबकि उन्हें भी पता है कि यहां पर हम अंकिता भंडारी के लिए बैठे हुए हैं उस को न्याय दिलाने के लिए बैठे हैं वीआईपी का नाम खोलने के लिए बैठे हैं लेकिन इतनी गूंगी बहरी सरकार हो गई है नहीं सुन रही है और ना ही बोल रही है कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल नहीं पड़ोस में रहते हैं यहां से गुजरते रहते हैं पर देख कर मुस्कुरा कर चले जाते हैं हम कह रहे हैं भाजपा के नाते नहीं एक मानवता के नाते ही पूछ ले कि हम यहां पर क्यों बैठे हैं मैं आमरण अनशन पर हूं और मेरे चार साथी कर्मीन अनशन पर बैठे हैं मैं आज कहती हूं कि अगर बीआईपी का नाम नहीं खोला और सीबीआई जांच नहीं करवाई तो मैं आज इस बेटी की शपथ लेती हूं हम तब तक नहीं उठेंगे जब तक हमारी बेटी को न्याय नहीं मिलेगा चाहे हमारी जान भी देनी पड़।

अनशन पर समिति अध्यक्ष संजय सिलस्वाल, रविन्द्र प्रकाश भारद्वाज, विक्रम भंडारी, मदन सिंह राणा, युद्धवीर सिंह चौहान, लक्ष्मी बुडाकोटी, हिमांशु रावत, राजेंद्र कोठारी, उषा चौहान, हरि सिंह नेगी, रविन्द्र कोर, प्रमिला जोशी, सावित्री देवी, अनिता कुकशाल, प्रमिला रमोला, भगवती चमोली, गुड्डी डबराल, स्वरूपी देवी, जल्म देवी, जया डोभाल, शकुन्तला कालडा, उषा चौहान, शकुंतला रावत, प्रवीण जाटव, शीला ध्यानी, जितार सिंह बिष्ट, सूरज कुकरेती, सुरेंद्र सिंह नेगी, विजय सिंह बिष्ट, हर्ष व्यास आदि मौजूद रहे।