अफगानिस्तान से देहरादून पहुंचे 4 लोग , सुनाई अपनी आपबीती
Uttarakhand Times :- अफगानिस्तान में तालिबान शासन होने से अफगानिस्तान ही नही बल्कि दुनिया के अन्य देश भी दहशत में है। सभी देश अपने-अपने नागरिकों को वहां से निकालने में लगे हैं। कई भारतीय भी अफगानिस्तान और काबुल में फंसे हुए हैं। अनिश्चितता और असुरक्षा के माहौल में उन भारतीयों का एक-एक पल किस तरह कट रहा होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता हैं।
बुधवार को अफगानिस्तान से देहरादून लौटे दो जिनका नाम है सुनील थापा और भूपेंद्र सिंह । ये लगातार चार दिनों के हवाई सफर के बाद अपने देश लौटे। ये दोनों काबुल स्थित ब्रिटिश दूतावास की सुरक्षा में तैनात थे। सुनील थापा डाकपत्थर और भूपेंद्र सिंह बाडवाला के रहने वाले हैं। घर लौटने पर उन्होंने अफगानिस्तान की स्थिति और तालिबान की कार्रवाई के बारे में बताया। पूर्व सैनिक सुनील थापा ने कहा कि तालिबानी कार्रवाई को देखते हुए 15-20 दिन पहले ही सभी देशों के दूतावासों में हलचल शुरू हो गई थी।
इस समय वहां अराजकता बनी है।वहांं से लोगो निकालने के लिए सबसे पहले काबुल स्थित अमेरिका के एयर बेस पर पहुंचाया गया। वहां से वो ब्रिटिश मालवाहक जहाज से दुबई गए। यहां हवाई अड्डे पर कुछ घंटे रुकने के बाद उन्हें लंदन ले जाया गया। जहां दस घंटे हवाई अड्डे पर गुजारने पड़े। इसके बाद उन्हें दिल्ली रवाना कर दिया गया। इस तरह 4 दिन तक एक जगह से दूसरी जगह भटकने के बाद कहीं जाकर ये लोग अपने वतन वापस लौट सके। सुनील ने बताया कि 14 अगस्त से 18 अगस्त तक के चार दिनों के सफर में वो सिर्फ हवाई जहाज और एयरपोर्ट के वेटिंग रूम में ही रहे। इस यात्रा में आराम, खाना और सोना तक मयस्सर नहीं हो सका। हालांकि सुनील थापा ने एक चौंकाने वाली बात भी कही। उन्होंने कहा कि विदेशी नागरिकों संग तालिबान का व्यवहार नरम है। वो विदेशी नागरिकों की सुरक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ रहे। हमारी टीम के 100 से 120 भारतीय अब भी काबुल में फंसे हैं। फिलहाल सभी सुरक्षित हैं।