अष्टमी के दिन होती है महागौरी का पूजन जानें विधि, मूहूर्त

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नवरात्रि में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस साल चैत्र नवरात्रि पर एक भी तिथि का क्षय न होने के कारण नवरात्रि नौ दिनों की पड़ रही है। जिसके कारण इस साल अष्टमी 9 अप्रैल को मनाई जाएगी।  कुछ लोग अष्टमी तिथि को ही कन्या पूजन के साथ व्रत पारण करते हैं। जबकि कुछ लोग राम नवमी के दिन कन्या पूजन करके व्रत पारण करते हैं। जानिए दुर्गाष्टमी का महत्व व शुभ मुहूर्त नवरात्रि के आठवें दिन को अष्टमी तिथि कहा जाता है। इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा का विधान है। इस साल अष्टमी तिथि 9 अप्रैल, शनिवार को पड़ रही है। इस दिन कन्या पूजन के साथ हवन करके व्रत पारण किया जा सकता है।

शुक्ल पक्ष अष्टमी 08 अप्रैल को रात 11 बजकर 05 मिनट से शुरू होगी, जो कि 10 अप्रैल को सुबह 01 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी। अभिजीत मुहूर्त 09 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। अमृत काल 09 अप्रैल को सुबह 01 बजकर 50 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 39 मिनट से सुबह 05 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।

चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि को दिन का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक है। इस समय कन्या पूजन किया जा सकता है।

शास्त्रों के अनुसार, अष्टमी तिथि के दिन मां दुर्गा की विधि-विधान के साथ पूजा करने से सुख-शांति व समृद्धि की प्राप्ति होती है। मां दुर्गा की कृपा से भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।