आवादा फाउंडेशन ने छात्रों के लिए नैतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा को प्रोत्साहन करने के लिए अभियान शुरू की
ऋषिकेश: 30 जुलाई। अवादा फाउंडेशन ने छात्रों के लिए नैतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए उत्कृष्ट शिक्षा अभियान की पहल शुरू की है। संस्था से जुड़े विशेषज्ञ छात्र छात्राओं को अध्ययन की क्षमता में वृद्धि के साथ जीवन में सफलता के उपाय व्याख्यान के माध्यम से बता रहे हैं।श्री भरत मंदिर इंटर कालेज और एनडीएस पब्लिक स्कूल में अवादा फाउंडेशन की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
ख्याति प्राप्त मोटिवेशनल स्पीकर डा. अरुण भारद्वाज ने बताया कि असफलता सफलता का विलोम नहीं बल्कि सफलता की पहली सीढ़ी है। छात्रों से अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि वह हिंदी माध्यम के छात्र रहे हैं और एक बार हम अंग्रेजी ना बोल पाने की वजह से वह तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ भोजन नहीं पाए थे। उसी दिन उन्होंने यह दृढ़ निश्चय कर लिया था कि जिस भाषा को न जानने के कारण उन्हें पिछड़ना पड़ा हो वह उसे अपनी जीविका का माध्यम बनाएंगे।कार्यक्रम से प्रभावित होकर हाई स्कूल की छात्रा अंजलि जयसवाल ने प्रश्नोत्तर काल के समय अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि वह हिंदी मीडियम की छात्रा है। अंग्रेजी माध्यम के बच्चों से वह कम प्रतिभाशाली है।
किंतु अब वह अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरित हुई है। विद्यालय के प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावत ने अवादा फाउंडेशन की ट्रस्टी एवं उत्तराखंड प्रभारी ऋतु पटवारी से इस तरह के कार्यक्रमों को और विस्तार देने का आग्रह किया। एनडीएस पब्लिक स्कूल श्यामपुर में आयोजित कार्यक्रम में डा. अरुण भारद्वाज ने डिजिटल प्रोजेक्शन एवं प्रेरणात्मक संस्मरण के जरिए छात्रों को चैंपियन बनने के लिए प्रेरित किया।उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति में प्रतिभा होती है।
अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पर्वतारोही के समान निरंतर प्रयास जारी रखना चाहिए। विद्यालय की छात्रा प्रेरणा चौहान ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में वह कांस्य पदक जीत चुकी है। अब वह स्वर्ण पदक जीतकर दिखाएगी। विद्यालय की प्रधानाचार्य ललिथा कृष्णमूर्ति कोकहा कि इस तरह का कार्यक्रम वह शिक्षकों के लिए भी आयोजित करेंगी। कार्यक्रम में संस्था से जुड़ी डा. छवि अंकिता भी मौजूद रही।