उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा अंकिता हत्याकांड में सीबीआई जांच को लेकर प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

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ऋषिकेश -उत्तराखंड क्रांति दल अंकिता हत्याकांड के मामले में गोरा देवी चौक पर एकत्रित होकर नारेबाजी करते हुए तहसील पहुंचे प्रधानमंत्री के नाम उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।

सोमवार को उत्तराखंड क्रांति दल का कहना है कि उत्तराखण्ड देवभूमि कहे जाने वाले प्रदेश में मातृशक्ति असुरक्षित है पृथक राज्य निर्माण के बाद मातृशक्ति के साथ अपराध बढ़े हैं । उत्तराखण्ड में राज्य सरकार चाहे वह कांग्रेस की रही हो या भारतीय जनता पार्टी की रही हो दोनों के कार्यकाल में महिलाओं के साथ अत्याचार , उत्पीड़न के कारनामें बढ़े हैं , प्रदेश में 22 वर्षों से पृथक राज्य के रुप में मातृशक्ति को क्या मिला ? 23,000 मातृशक्ति लापता , अपहरण व मारी गई हैं जिनका कोई भी खुलासा अभी तक सरकार द्वारा नहीं किया गया । वर्ष 2014 में लगभग 1465 मातृशक्ति व वर्ष 2021 में यही आंकड़ा 3441 मातृशक्ति जान गवां चुकी है । क्या यही है बेटी बचाओ – बेटी पढ़ओ की सार्थकता । एक – एक मातृशक्ति का नाम उल्लेखित किया जा सकता है । वर्तमान में बहुत कुरुरता पूर्वक वनंतरा रिजोर्ट जो कि एक माटी कला बोर्ड उत्तराखण्ड सरकार में पूर्व राज्य मंत्री विनोद आरिया के बेटे पुलकित आरिया द्वारा संचालित किया जा रहा था रिजोर्ट में वैश्यवृति कराई जाती रही किन्तु सरकार ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया । उत्तराखण्ड की बेटी को मात्र 26 दिन ही इस रिजोर्ट में कार्य करते हुए थे । कि रिजोर्ट मालिक ने उसके साथ बरर्वता पूर्वक दुष्कर्म व उसकी हत्या कर दी गई । सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा मंत्री के बेटे व उसके साथियों को बचाने के लिए रातोंरात रिजोर्ट पर बुलडोजर चलाया गया व साक्ष्य को मिटाया गया ।

अतः महोदय इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि ए. आई . टी . भी सरकार के दबाव व प्रभाव में काम कर रही है । रिजोर्ट में होने वाले अनैतिक कृत्य , वी ० आई ० पी ० को दी जाने वाली स्पेशल सर्विस , बलात्कार ,हकत्याकाण्ड की सी ० वी ० आई जांच कराने की उत्तराखण्ड क्रांतिदल तिमांग करते हैं सी ० वी ० आई जांच की संस्तुति करने की कृपा करें ।

दूसरी बात इस प्रकार से है कि किरन नेगी के साथ वर्ष 2012 में सामूहिक दुष्कर्म कर बरर्वता पूर्वक हत्या कर दी गई थी उक्त सन्दर्भ में याचिकर्ता परिवार उच्चन्यायलय से किरन नेगी के बलात्कारी व हत्यारों को फांसी की सजा सुनाई गई थी किन्तु उच्चतम न्यायलय में किरन नेगी के विरुध निर्णय आया और अभियुक्तों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी गई । अतः महोदय से निवेदन है कि केन्द्र सरकार उक्त मामले में पुर्नरिट याचिका दाखिल करे ताकि किरन नेगी को इंसाफ मिल सके ।

इस मौके पर मोहन सिंह अस्वाल, सुनील ध्यानी, बिपिन रावत, संजय डोभाल, उपेंद्र सकलानी, राजेंद्र बिष्ट, शिव प्रसाद सेमवाल, राजेश्वरी चौहान अन्य मौजूद रहे।