ऋषिकेश। एम्स में 12 दिन के बच्चे को आईसीयू बेड नहीं मिलने से हुई मौत।पिता ने मांगा इंसाफ। हॉस्पिटल पर उठाए सवाल।

खबर शेयर करें -

ऋषिकेश एम्स में 12 दिन के बच्चे को आईसीयू बेड नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई दरअसल 1 जुलाई को शाम को रुड़की से भूपेंद्र सिंह गुसाई अपने बच्चे की तबीयत खराब होने के बाद एम्स ऋषिकेश उपचार के लिए लाया था। उनका कहना है कि मेरे बच्चे का पेट फूल रहा था संभवत इंफेक्शन था।

रुड़की से डॉक्टरों ने बताया कि इसको एम्स ले जाइए और वहां उपचार के करा लीजिए एम्स आने के बाद बच्चों की जो इमरजेंसी होती है उसमें भर्ती किया गया जैसा कि डॉक्टर संजीव मित्तल का कहना है और ऑक्सीजन भी दिया गया था लेकिन उस दौरान आईसीयू बेड उपलब्ध नहीं होने के कारण बच्चे को जौलीग्रांट उसके परिजन ले गए रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया।


ऐसे में एम्स की लापरवाही कहें या फिर इसको गंभीरता से ना लेना यह तो जांच का विषय है लेकिन एक बच्चे की जान चली गई जिसको समय पर उपचार नहीं मिल सका। आईसीयू बेड उपलब्ध हो जाता तो बच्चे की जान बच सकती थी बच्चे के पिता भूपिंदर सिंह का यह कहना है वहीं इससे पहले भी बैड ना मिलने की शिकायत एम्स हॉस्पिटल से कई बार आ चुकी है। ऐसे में राज्य के लोगों को उपचार नहीं मिल पा रहा है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा । यह हॉस्पिटल यहां पर क्यों बनाया यह कहना है बच्चे के पिता भूपेंद्र सिंह का और उन्होंने इसके लिए इंसाफ की मांग की है।

मेडिकल सुपरीटेंडेंट एम्स संजीव मित्तल का कहना है कि 1 अगस्त को जब बच्चे को लाया गया था तो इमरजेंसी में उसको देखा गया था ऑक्सीजन भी दी गई थी लेकिन आईसीयू बेड नहीं होने के कारण बच्चे को अन्य जगह ले जाया गया जहां रास्ते में उसकी मौत हो गई ऐसे में उनका कहना था कि यहां पर बेड की व्यवस्था बढ़ाई जा रही है. एम्स को जगह और मिल रही है उसके बाद और बढ़ाई जाएगी उनका कहना है यहां पर जो भी मरीज आता है हम उसको उपचार देते हैं कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। 12 दिन के बच्चे को 12 साल का बताने के मामले पर कहा उस वक्त मुझे जानकारी पहले 12 साल के बच्चे की दी गई थी आज सुबह फिर मैंने जब पता किया मीडिया वालों के फोन आने के बाद तो फिर 12 दिन के बच्चे के बारे में पता लगा है ऐसे में कहीं न कहीं कहा जाए तो एम्स प्रशासन में आपसी संवाद की कमी साफ सामने आ रही है।