ऋषिकेश : एम्स में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता मंत्री डॉक्टर वीरेन्द्र सिंह द्वारा एम्स ऋषिकेश में संचालित एडिक्शन ट्रीटमेन्ट फैसिलिटी का वर्चुअली माध्यम से उद्घाटन किया किया
ऋषिकेश : केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता मंत्री डॉक्टर वीरेन्द्र सिंह द्वारा बृहस्पतिवार को एम्स ऋषिकेश में संचालित एडिक्शन ट्रीटमेन्ट फैसिलिटी का वर्चुअली माध्यम से उद्घाटन किया किया। बताया गया कि उत्तराखण्ड राज्य में नशा उन्मूलन की दिशा में यह केन्द्र नशे के आदी हो चुके लोगों के उपचार हेतु विशेष लाभदायक सिद्ध होगा।
दिल्ली के डॉक्टर अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर से देश के विभिन्न अस्पतालों में बृहस्पतिवार को एटीएफ केन्द्रों का वर्चुअल उद्घाटन किया गया। उत्तराखंड में यह केन्द्र एम्स ऋषिकेश में स्थापित किया गया है। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की फंडिग के सहयोग से संचालित इस प्रकार के 25 सेंटर बृहस्पतिवार को एक साथ देश को समर्पित किए गए। एम्स के मनोरोग चिकित्सा विभाग ओपीडी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डा.) मीनू सिंह ने कहा कि नशाग्रस्त लोगों के मुफ्त और अत्याधुनिक इलाज के लिए एम्स में संचालित यह केन्द्र राज्य का एकमात्र सरकारी नशामुक्ति केन्द्र है। इस केन्द्र में रोगी को भर्ती करने से लेकर सम्पूर्ण इलाज की सुविधा है। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश में उत्तराखंड के अलावा पश्चिमी उप्र और आसपास के क्षेत्रों से मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस केन्द्र का विस्तारीकरण किए जाने की आवश्यकता है।
जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका ने नशे से ग्रसित लोगों को नशा मुक्त करने के लिए इस केन्द्र की उपयोगिता को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस केन्द्र में महिलाओं और पुरूषों के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं। अत्याधुनिक स्तर की इलाज सुविधा से इस केन्द्र में नशा रोगियों का बेहतर स्तर से इलाज हो सकेगा। जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने कहा कि नशाखोरी राज्य में लगातार बढ़ती समस्या है। जन-जागरूकता के माध्यम से हमें मिलकर इसे दूर करना होगा।
इस दौरान एटीएफ केन्द्र के नोडल ऑफिसर डॉक्टर विशाल धीमान ने बताया कि केन्द्र में नशा रोगियों की काउंसिलिंग की सुविधा सहित दवा और उनके निःशुल्क इलाज हेतु भर्ती करने की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि एम्स ऋषिकेश में यह सुविधा दैनिक तौर पर उपलब्ध है। कहा कि केन्द्र में पहुंचने वाले रोगियों में सर्वाधिक संख्या शराब से छुटकारा चाहने वाले लोगों की है जबकि स्मैक और हेरोईन सहित गांजा का सेवन करने वाले रोगी भी बड़ी संख्या में हैं।
कार्यक्रम के दौरान डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, संस्थान के उपनिदेशक (प्रशासन) ले. कर्नल ए.आर. मुखर्जी, उप चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. भारत भूषण, मनोचिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉक्टर अनिन्द्या दास, प्रोफेसर रवि गुप्ता, डॉ. रश्मि मल्होत्रा,एसपी देहात कमलेश उपाध्याय, काॅर्डिनेटर ऋतिका मदान, एसडीएम ऋषिकेश सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, फैकल्टी सदस्य, नर्सिंग ऑफिसर मौजूद रहे।