ऋषिकेश : एयरलाइन स्टाफ ने योगाचार्य को बोर्डिंग पास नहीं दिया तो कोर्ट ने 8 लाख 10 हजार मुवावजा देने का दिया आदेश
ऋषिकेश :देवभूमि में ऋषिकेश पास के एक गाँव के रहने वाले सुशील कुमार रणाकोटी को जिला उपभोक्ता निवारण आयोग ने केएलएम रॉयल डच एयरलाइंस को आदेश दिया है कि वह उत्तराखंड के एक योग प्रशिक्षक को फ्लाइट में सवार नहीं होने देने के लिए 8.10 लाख रुपये का मुआवजा दे। सुशील को एयरलाइन स्टाफ “संदिग्ध चरित्र” का हो करके फ्लाइट में बोर्ड होने से मना कर दिया था. इस वजह से सुशील अपना विदेश भ्रमण नहीं कर पाए थे. मानसिक और आर्थिक दोनों तरह से उनको नुक्सान हुआ था.
आपको बता दें, सुशील कुमार (35) ने 20 अक्टूबर, 2021 को एम्स्टर्डम के माध्यम से कोलंबिया में कार्टाजेना के लिए दिल्ली से कार्टाजेना के लिए एक केएलएम टिकट बुक किया था, लेकिन दावा किया कि एयरलाइन के कर्मचारियों ने उन्हें बोर्डिंग पास देने से इनकार कर दिया और उनकी उड़ान छूट गयी. जब उन्होंने इसका का कारण पूछा, तो उन्होंने कहा कि एयरलाइन के कर्मचारियों द्वारा कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया गया लेकन यह सुझाव दिया गया था कि वह एम्स्टर्डम के बजाय एक खाड़ी देश के माध्यम से कार्टाजेना के लिए उड़ान भरें क्योंकि उनका “यूरोप का कोई यात्रा इतिहास नहीं था”। सुशील का कहना था इस दौरान उन्हें काफी नुक्सान हुआ उन्होंने इसको कोर्ट में चुनौती दी. फैसला उनके हक़ में आया है. लेकिन वे इस फैसले पर रिपील करेंगे कोर्ट से यह मुवावजा काफी नहीं है. उनको काफी नुक्सान हुआ है इसलिए मुवावजा और मिले. इसके लिए वह कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं.उनका कहना था मुझे बिन कारण नहीं जाने दिया. मुझे योग, पर्यटन, अपने मित्रों से मिलने जाना था. ऐसे में एयरलाइन की तरफ से कोई पुख्ता जवाब नहीं आया. जो आये वे ना काफी थे कारण के तौर पर जानने के लिए. इस दौरान कोर्ट में पांच सुनवाई हुई मैं गया लेकिन एयरलाइन की तरफ से कोई नहीं पेश हुआ. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कितनी अनप्रोफेशनल लोग हैं वे. सुशील ऋषिकेश के पास मल्ला कोडिया गाँव के रहने वाले हैं. सुशील हाल ही में वे वाराणसी से शादी कर लौटे हैं. उनकी पत्नी भी एडवोकेट है.ऐसे में उन्होंने जानकारी दी यह मुवावजा काफी नहीं है दूसरा हम कोर्ट के माध्यम से लड़ाई जा रखेंगे ताकि कोई एयरलाइन ऐसा किसी के साथ न करे.
राणाकोटि के वकील राज त्रेहन ने बताया, उनको बोर्डिंग से इंकार किये जाने के बाद राणाकोटि ने मुझसे संपर्क किया. चर्चा के बाद हमने इस मामले को जिला उपभोक्ता निवारण आयोग में केस दायर करने का फैसला किया. त्रेहन ने बताया यह स्पष्ट रूप से नस्लीय प्रोफाइलिंग और उत्पीड़न का मामला है.