ऋषिकेश : चार धाम यात्रा पार्ट-4…बस आखिर क्योँ गिरी ? कुछ सवाल जो उठने लाजमी हैं—-देखिए ये खास रिपोर्ट

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चारधाम यात्रा में रविवार यानी पांच जून को शाम को उत्तरकाशी जिले में यात्रियों से भरी बस खाई में गिर गयी. 26  यात्रियों को  अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। 4  घायल हैं, जिसमें कंडक्टर और ड्राइवर स्टाफ भी है. आखिर ऐसा हुआ क्योँ ? क्या यह दुर्घटना रोकी जा सकती थी. कुछ उपाय किये होते तोआइये जानिये जो बातें सामने आयी हैं  उनकी जांच पड़ताल करते हैं….सड़क पर से । देखिए ये रिपोर्ट

स्थानीय लोगों से जो पता चला और सरकारी सूत्रों के अनुसार जो पता चला उसमे कुछ कमियां थी.उस जगह पर जहाँ पर बस दुर्घटना हुई है. हालाँकि अभी जांच जारी है. लेकिन जो महत्वपूर्ण बिंदु हैं जो कारण सामने आ रहे हैं अभी तक जांच के अनुसार उनमें से अगर कुछ किये होते तो शायद दुर्गटना नहीं होती और 26  लोग जो मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के रहने वाले थे वे जान शायद नहीं गँवा पाते । बस में कुल 30  लोग सवार थे। जिसमें 26  की मौत हो गयी थी । बाकी एक कंडक्टर और एक ड्राइवर, बाकी दो यात्री घायल हैं। यानि की चार लोग घायल हैं ।

वहीँ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं । जो रिपोर्ट मिली उसके अनुसार वो बिंदु हैं —वहां पर क्रैश बैरिकेडिंग नहीं थी। जो भी संकरी जगह थी । या मोड़ थे नैन बाग़ जगह से डामटा तक यानी की जो धानु की सड़क किनारे बॉर्डर बना होता है धातु की पत्ती वो नहीं लगा था जबकि चार धाम यात्रा रुट पर होना चाहिए था। और न ही पुराने सीमेंट के ब्लॉक जैसे बैरिकेडिंग जो परमानेंट होती थी वो भी नहीं बने थे। ये होते तो वहां पर बस रुक जाती और शायद गिरने से बच जाती ।

एक और कारण है वह है लगातार तीन  ट्रिप पर थी बस बस संख्या UK04PA1541 यानी की रेस्ट नहीं था । अब ड्राइवर बदला या नहीं मालिक ने, यह जांच का विषय है या वही ड्राइवर लगातार तीन ट्रिप से बस चला रहा था।

हालाँकि बस के दस्तावेज सही पाए गए हैं। संभागीय अधिकारी लेवल के अधिकारी ने सड़क का निरीक्षण किया तो पाया सड़क किनारे बैरिकेडिंग है ही नहीं जबकि ऐसी पहाड़ों में जहाँ संकरी सड़कें हैं वहां होनी चाहिए लेकिन वहां बैरियर नहीं मिलें। एक और कारण सामने आ रहा है बस भी ओवर स्पीड में थी ।चार धामा यात्रा पर स्पीड के लिए ट्रैफिक पुलिस प्रशासन ट्रैक आउट कर सकता है वाहनों को ।