ऋषिकेश : तपोवन में संतों और आम जन ने भरी हुंकार, कुम्भ तीर्थ क्षेत्र में मांस मदिरा की बिक्री पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग, 15 दिन का समय दिया नहीं तो आंदोलन
ऋषिकेश : तपोवन के एक आश्रम में संतो एवम् आमजनों ने एक स्वर में शराब और मांस बिक्री निषेध की मांग को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें आम जन के साथ साथ कुछ समाजिक संस्थाएं भी शामिल हुई महिलायें भी शामिल थी. . जिन्होंने एक स्वर में कुंभ तीर्थ क्षेत्र मांस मदिरा का विरोध किया है. इस पर सरकार से ऐक्शन लेने की मांग की गयी है. कुम्भ तीर्थ मांस मदिरा (शराब बार) निषेध समन्वय संघर्ष समिति के तत्वाधान में एक ज्ञापन भी EO को सौंपा गया उपजिलाधिकारी के नाम. 15 दिन का समय दिया गया है. नहीं तो आंदोलन की चेतावनी दी गयी.
ज्ञापन में कहा गया है, कुम्भ तीर्थ मांस मदिरा (शराब बार) निषेध समन्वय संघर्ष समिति एवं नगर पंचायत तपोवन आपसे सादर निवेदन करता है कि तपोवन एक विश्वविख्यात धार्मिक नगरी कुंभ मेला क्षेत्र के साथ नगर पंचायत तपोवन विश्व पटल पर योग नगरी के रूप में प्रसिद्ध है.तपोवन सनातन धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र है. प्रसिद्ध प्राचीन लक्ष्मण मंदिर एवं विश्व विख्यात एवं आस्था का प्रतीक लक्ष्मण झूला पुल. भगवान शेषनाथ जी का प्राचीन स्थान. कैलाशानंद मिशन ट्रस्ट का मंदिर सहित अनेक मठ मंदिर और धार्मिक स्थल हैं. भारत के सभी प्रांतों के साथ-साथ विदेश से भी पूरे वर्ष सनातन धर्म को जानने धार्मिक ज्ञान पाने के लिए पूरे विश्व के लोग योग शिक्षा के लिए भी तपोवन क्षेत्र में आते और प्रवास करते हैं. कुछ होटल एवं रेस्टोरेंट तपोवन नगर क्षेत्र में मांस मदिरा और कुछ मल्टीनेशनल कंपनी डोमिनोज, पिज्जा, बर्गर कुम्भ क्षेत्र में मांस से बने खाद्य पदार्थ का धार्मिक क्षेत्र में बिक्री के साथ-साथ घरों, आश्रम, गंगा किनारे तक में ऑनलाइन या ऑफलाइन डिलीवरी कर रहे हैं. इससे धार्मिक आस्था एवं पवित्रता का नाश हो रहा है.
महोदय एक शराब बार का संचालन तो मानकों के विपरीत जंगलात की भूमि से हो रहा है. जिससे धार्मिक एवं योग नगरी क्षेत्र की मर्यादा आस्था के साथ योग शिक्षा के लिए विश्व में प्रसिद्ध छवि को क्षति पहुंचाने के साथ तीर्थयात्रियों साधु संतों एवं सनातन धर्म पर विश्वास रखने और आश्रमों की भावनाओं की भी आहत हो रही है. जिस कारण क्षेत्र में निकट भविष्य में जो कोई भी सनातन धर्म एवं योग शिक्षा लेने के लिए विश्व से शिक्षार्थ तपोवन एवं आसपास के क्षेत्र में आते हैं. लोग यहां पर यात्रा एवं प्रवास करने से परहेज करेंगे. यदि समय रहते धर्म विरोधी गतिविधियों पर शासन एवं प्रशासन द्वारा रोक नहीं लगाई जाएगी, तो यहां निकट भविष्य में मांस मदिरा और नशे का सालन अत्यधिक बढ़ जाएगा. जिससे यहां पर निवास करने वाले स्थानीय नागरिकों के साथ मां बहन बेटियों का घर से बाहर निकलना अत्यंत मुश्किल हो जाएगा. तब नगर क्षेत्र के एक धार्मिक स्थल एवं गंगा नदी के तट पर बसा एवं भगवान लक्ष्मण जी की तपस्थली होने के बाद भी मांस मछली की दुकानें शहर में खुल रहे हैं. जिस पर शासन एवं प्रशासन लगातार मौन है तथा इस प्रकार के धार्मिक कार्यों पर रोक लगाने के बजाय धार्मिक कार्यों को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रही हैं.जो घोर निंदनीय एवं जन विरोधी विषय है.
महोदय कुंभ तीर्थ क्षेत्र मांस मदिरा निषेध समन्वय संघर्ष समिति एवं समस्त नगरवासी आपसे सविनय अनुरोध करते हैं कि नगर पंचायत तपोवन लक्ष्मण जी की तपस्थली धार्मिक नगरी क्षेत्र में मां गंगा के तट पर बसे विश्व पटल पर अपनी धार्मिक पहचान एवं महत्ता के साथ धार्मिक आस्था को संत समाज एवं जनता की भावनाओं के अनुरूप बचाने का प्रयास करेंगे. अंत में महोदय से निवेदन है कि तपोवन नगर के समस्त होटल में मांस, शराब एवं नशे के व्यापार को परोसने बेचने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए. जो भी होटल रेस्टोरेंट मांस, मदिरा नशे को परोस या बेच रहा है उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए और शराब बार का लाइसेंस एवं नवीनीकरण तत्काल प्रभाव से निरस्त या रोका जाए. 15 दिन का समय दिया जाता है अगर नवरात्रि से पहले इस पर रोक नहीं लगी तो उग्र आन्दोलन के लिए हम मजबूर हो जायेंगे. इस दौरान तपोवन बाजार में संतों के साथ मात्रा शक्ति ने भी पैदल चल कर पदयात्रा निकाली. जिसमें कई संत मौजूद रहे साथ ही स्थानीय लोग और मातृशक्ति भी मौजूद रही.
संतों में महामंडलेश्वर दयाराम दास जी महाराज, प्रमोद दास, स्वामी अखंडानंद महाराज व् कई संत रहे मौजूद. विनोद कुलियाल, जयंत शर्मा, चंद्रभान धाकड़, प्रमोद चौहान,विकाश, सुलोचना भट्ट, वामन दास, प्रमोद दास, स्वामी अखंडानंद, भगवती प्रसाद भट्ट, कुसुम जोशी, विकास चंद्र रयाल इत्यादि लोग शामिल रहे.