ऋषिकेश : बंगाला नाले में सड़ रहे गोवंश को आखिर पांच दिन बाद आम जन ने हटाया गया, गंगा नदी में मिलता है सीधे नाला
ऋषिकेश : श्यामपुर में बंगाला नाला में पांच दिन से गौ वंश पड़ रहा, सड़ता रहा, लेकिन किसी ने उसे वहां से हटाने की जहमत नहीं उठाई. न शासन नं प्रशासन न कोई आस पास जनप्रतिनिधि. जबकि सबको सूचित किया गया. स्थानीय पत्रकार राजेंद्र भंडारी ने अपने खबरों के मार्फ़त और फोन के माध्यम से भी. तहसीलदार डा अमृता शर्मा को भी सूचना दी गयी उन्होंने कहा बीडीओ को कह दिया है, लेकिन न बीडीओ साहब आये न उनके द्वारा गौ वंश हटाया गया. जबकि इतना गंभीर मामला था. गाय सड़ रही थी, आस पास दुर्गन्ध फ़ैल रही थी चील कौवे मंडरा रहे थे. सबसे बड़ी गंभीर बात गंगा नदी में यह नाला मिलता है और दूषित पानी गंगा को दूषित कर रहा था. खबर कई स्थानीय अखबारों, पोर्टल्स में लगी लेकिन सब देख, पढ़ कर अनजान बने रहे. लेकिन पांचवे दिन गौ सेवा रक्षा दल के पंडित नरेंद्र शर्मा पहुंचे उन्होंने अन्य साथियों के साथ सुबह शाम लगा कर गाय को वहां से हटाया और बाहर लाने में दिक्कत हो रही थी नजदीक नाले के पास उसको मिटटी में दबाया गया.
स्थानीय पत्रकार राजेंद्र भंडारी स्थानीय समाचार पत्र स्पष्ट एक्सप्रेस, पब्लिक ऐप न्यूज़,नेशनल वाणी और उत्तराखंड टाइम्स आदि से मिली जानकारी से गंगा सेवा रक्षा दल प्रमुख के स्वयंसेवक पंडित नरेंद्र शर्मा ऋषिकेश, विपिन सेमवाल-नेहा सेमवाल गुमानिवाला, निशांत चौधरी, नितिन चौधरी हरिद्वार ने बड़ी मश्क्कत कर किसी तरह मृत गौवंश को बंगाले नाले से बाहर निकाला। बाहर निकालकर गोवंश को ऊपर सड़क तक ले जाना काफी जोखिम भरा था, चूंकि गोवंश भी काफी गल चुका था. जिस कारण गोवंश को बंगाले नाले के करीब ही दबा देना उचित समझा। जिसके लिए लेबर ना मिलने के कारण खुद ही गड्ढा खोदा गया. इस कार्य को करते-करते लगभग शाम 7 बज चुके थे और अन्धेरा हो चुका था. इसी प्रक्रिया के दौरान ट्रैन की पटरी पर चलते हुए कुछ नवयुवकों को बुलाया तो इस नेक कार्य में उन्होंने वहीँ गोवंश को गड्ढे तक दबाने में मदद की। इनके साथ इस कार्य में सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश ने भी काफी मदद की.