ऋषिकेश : :मुनि की रेती क्षेत्र में ‘ईट राइट मिलेट मेला’ का कैबिनेट मंत्री धन सिंह ने किया उद्घाटन

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ऋषिकेश : मोटा अनाज को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने कवायद शुरू कर दी है. शनिवार को मुनि की रेती क्षेत्र में गंगा रिसोर्ट में ईट राइट मिलेट मेले का उद्घाटन कैबिनेट मातृ धन सिंह रावत ने किया. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग उत्तराखंड की ओर से आयोजित ईट राइट मिलेट मेला आयोजित किया गया था. एक दिवसीय इस मेले में कई होटल और ब्यापारियों ने शिरकत की. साथ ही मोठे अनाज पर जो लोग काम कर रहे हैं उनको भी बुलाया गया था.मोटे अनाज से बने ब्यंजन इस दौरान पेश किये गए थे. मेले में आये लोगों ने इस तरह की सरकार के पहल की काफी तारीफ की.

इस दौरान बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता विजय जड़धारी को भी कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत ने सम्मानित किया. मंत्री धन सिंह ने मेले में लगाए गए विभिन्न स्‍टॉल का निरीक्षण करने के साथ-साथ किसानों से भी बात की. इस मेले में बड़ी संख्या में पर्वतीय क्षेत्र के किसान और जड़ी बूटी उत्पादक शामिल हुए हैं. जी 20 शिखर सम्मलेन जल्द भारत में होने वाला है और ऋषिकेश में दो दिन विश्व भर से नेता आएंगे. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने भी विदेशी मेहमानों को मोटा अनाज के ब्यंजन परोसे जाने की बात कही है. ऐसे में राज्य और केंद्र सरकार सरकार की इस तरह की पहल का लोगों ने स्वागत किया है. कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि मोटे अनाज से माटी का प्रेम जुड़ा है. उन्होंने कहा मंडवा और झंगोरा को हमने प्रोत्साहन देने की कोशिश की है. मंडवे की ब्रांडिंग के लिए हमने भारत सरकार को पत्र लिखा है.

हमारा मडवा पूरे भारत में सभी सरकारी कार्यक्रमों में जाएगा. कुछ दिन पहले 36 रूपया 50 पैसे प्रति किलो उसका समर्थन मूल्य घोषित किया गया है. इस तरह के मेले जहां भी आयोजित होंगे हम उसमें सहभाग करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार ने टीबी मुक्त उत्तराखंड बनाने का संकल्प लिया है. इस दौरान मेले में आनंदा, अलोहा, लेमन ट्री, डिवाइन लक्ष्मी गंगा जैसे होटल भी अपने स्टाल के साथ आये थे. हर कोई इनके देशी अनाज से बने लजीज ब्यंजनों के स्वाद को चख कर हैरान था. देहरादून से आये बरिष्ठ पत्रकार अविकल थपलियाल ने कहा इस तरह के मेले सहायक होंगे मोटे अनाज को वर्तमान में मार्किट में लाने के लिए क्योँकि सरकारें गंभीर दिख रही हैं. लेकिन इसके लिए ब्यापक प्रचार प्रसार करना होगा. युवा पीढ़ी को इनसे जोड़ना चुनौती होगी. वहीँ उन्होंने एक दशक से दूर दशक कैसे भारत का खान पान बदला उस पर भी उन्होंने प्रकाश डाला. मेले में अलग अलग होटल अपने 5 से 10 ब्यंजनों के साथ आये थे. यह पहली बार उत्तराखंड में हो रहा है. सबसे पहले टिहरी जिले के मुनि की रेती में हो रहा है. आनन्दा ने बरौनी को मडुवे के आता से बनाया हुआ था जिसका टेस्ट काफी लजीज था. डिवाइन लक्ष्मी गंगा के राजेश जुगरान का कहना था हम पांच डिश ले कर आये हैं जो मोटे अनाज से बने हुए हैं. लोगों का रिस्पॉन्स काफी अच्छा रहा है. इससे हमें काफी मोटिवेशन मिला है.उम्मीद है राज्य के पारम्परिक अनाज को आने वाले समय में पर्यटकों को भी अब खाने को मिलेगा. सरकार की इस पहल का हम स्वागत करते हैं और इससे पर्यटन बढ़ेगा और उनको नया खाना को मिलेगा.

स्थानीय ब्यापारी भी आये थे बूढ़ दादी के पंकज डोभाल और दीपिका डोभाल लुप्त हो रहे ब्यंजनों के साथ स्टाल में आये थे. जिसमें पारम्परिक कोदा, झंगोरा तो था ही साथ में ढिढ़का, बादलपुर की विरंजी, सिड़कू, असकली, बरानाजा खाजा जैसे पारम्पिरिक डिश पेश कर रहे थे. कई लोगों को ये डिश पहली बार दिखे और उनका लोगों ने लुत्फ़ उठाया. उत्तरांश से नितिन ममगाईं अलग अलग प्रकार के सरसों का तेल और शहद ले कर पहुंचे थे. जो अलग तरह से तो बनाये ही जाते हैं साथ ही इनकी क्वालिटी भी शानदार थी. देखा जाए तो मेले में होटेलेयरों और किसानों को एक मंच प्रधान करने भी की कोशिश की गहि है. 2023 वर्ष मोटे अनाज वर्ष के तौर पर भी मनाया जा रहा है संयुक्त राष्ट्र द्वारा. पहाड़ी अनाज लाभकारी साबित हो रहे हैं और बड़ी संख्या में लोग इन्हें अपना रहे हैं. जिलाधिकारी टिहरी डा. सौरभ गहरवार ने कहा कि देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हमारे मोटे अनाज को मान्यता दी गई है. स्वास्थ्य के लिए मोटे अनाज को लाभकारी माना गया है. सहकारिता के माध्यम से सरकार मोटे अनाज की खरीद भी कर रही है. ताकि ऐसे उत्पादों को अधिक से अधिक व्यक्तियों तक पहुंचाया जा सके. इसी वर्ष गर्मियों में जी 20 में भी जो मेहमान आएंगे वे भी मोटे अनाज का लुत्फ़ उठाते नजर आएंगे.