ऋषिकेश विधानसभा के शिक्षा, संस्कृति व संस्कृत को बचाने के लिये नहीं हुऐ कई वर्षों से कार्य – जयेन्द्र रमोला
आज सोमवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने आपकी आवाज़ हमारी प्रतिज्ञा नाम से चलाये जा रहे अभियान के तहत ऋषिकेश विधानसभा के शासकीय व अशासकीय विद्यालयों के पूर्व व वर्तमान शिक्षकों के साथ ऋषिकेश श्री भरत मंदिर परिसर में संवाद कर ऋषिकेश विधानसभा की शिक्षा व्यवस्था व शिक्षकों की समस्याओं पर चर्चा कर सुझाव लिए।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने बताया कि “आपकी आवाज हमारी प्रतिज्ञा” अभियान के तहत ऋषिकेश विधानसभा के सभी वर्गों से हम आगामी चुनाव में घोषणा पत्र के लिए ऋषिकेश की मूलभूत समस्याओं पर चर्चा कर सुझावों को आमंत्रित कर रहे हैं जिसको आने वाले चुनाव में हम अपने प्रतिज्ञा पत्र में शामिल करेंगे ।
रमोला ने बताया कि बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता एवं विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई, समस्या समाधान के लिए आवश्यक सुझाव भी आए। बैठक में मुख्य तौर पर ऋषिकेश में डिग्री कॉलेज की आवश्यकता, संस्कृत विद्यालयों को पुनर्जीवित करना, ऋषिकेश में बालिकाओं के लिए महाविश्वविद्यालय की मांग जैसे अनेकों मुद्दों पर चर्चा हुई। शिक्षक सुनील थपलियाल ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों की व्यवस्था दयनीय है ऋषिकेश विधानसभा जो कि संस्कृत और संस्कृति की धरोवर हैं वहाँ पर सबसे अधिक संस्कृत विद्यालयों की स्थिति पर सरकार ध्यान नही दे रही हैं ऋषिकेश की संस्कृति व पौराणिक को बचाने के लिए हमें संस्कृत के विद्यालयों व शिक्षकों की ओर ध्यान देना चाहिए।
पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक एम० सी० त्रिवेदी ने कहा की शिक्षा और शिक्षक दोनों आपस में जुड़े रहते हैं, बिना शिक्षा के कोई भी चीज संभव नहीं है, संस्कृत के बारे में सभी सरकारे बड़ी-बड़ी बातें करती है परंतु स्थिति काफी विकट है संस्कृत विद्यालय की स्थिति दयनीय है।
किसी भी विद्यालय को मान्यता देने के कुछ मानक तय होते हैं जिसमें निजी विद्यालयों के मानक पूरे न होने पर उन्हें तब तक मान्यता नहीं दी जाती जब तक वह मानक पूर्ण नहीं करते, परंतु सरकारी विद्यालय के लिए ढांचे को ही मान्यता मिल जाती है, पहले सरकारी विद्यालयों के भी मानक पूरे होने चाहिए जैसे शिक्षकों की व्यवस्था, साफ साफाई, विभिन्न मानकों को पूर्ण कर सरकारी विद्यालयों को मान्यता देनी चाहिए।
बैठक में डॉ० एम सी त्रिवेदी, सुनील दत्त थपलियाल,रानेश पयाल, प्रमोद कुमार शर्मा, मदन शर्मा, दीपक सिंह बिष्ट, विजेंद्र रावत, जय प्रकाश सिंह नेगी, मोहित तोमर, डॉ० जगमोहन भटनागर, राजीव, राजेश कालरा,अखिलेश मित्तल, गजेंद्र विक्रम शाही,पुष्पा रावत, ममता गौड, संगीता सागर ने मुख्य रूप से सुझाव रखे ।