ऋषिकेश विधानसभा में सभी प्रत्याशियों ने दिखाया अपना दमखम।14 फरवरी को जनता दिखाएगी अपनी एक उंगली की ताकत

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चुनाव प्रचार के आखिरी दिन रोड शो रैली निकालकर सभी दलों के प्रत्याशियों ने दिखाया अपना शक्ति प्रदर्शन

भाजपा प्रत्याशी प्रेम चंद्र अग्रवाल ने रैली के माध्यम से बाजार से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक जनता से मांगा सर्मथन। कॉन्ग्रेस , आम आदमी पार्टी ने रोड शो करके अपनी ताकत का दमखम दिखाया। वही आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया धुआंधार प्रचार करते हुए कहा कि जनता उत्तराखंड की जनता परिवर्तन चाहती है। कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी जयेन्द्र रमोला ने हरिपुर कला से लेकर ऋषिकेश बाजार तक खूब शक्ति प्रदर्शन दिखाते हुए हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं और जनता के साथ बीजेपी को मुकाबला देने में कामयाब रही।

वहीं उत्तराखंड की पुरानी पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल ने भी पूरे जोर-शोर से छिद्दरवाला, हरिपुर ,रायवाला , श्यामपुर से लेकर ऋषिकेश तक रोड शो किया और इस दौरान अरसे बांटे । जिसको अन्य दलों के कार्यकर्ताओं ने भी खाये और गुण भी गाये। इसी के साथ दूसरी क्षेत्रीय पार्टी उत्तराखंड जन एकता दल के प्रत्याशी कनक धनाई राष्ट्रीय पार्टियों से पीछे नहीं रह पाए और काफी संख्या में अपने कार्यकर्ताओं और जनता को लेकर पूरे ऋषिकेश विधानसभा में खूब जोर शोर से अपनी रैली को आगे बढ़ाते हुए और ऋषिकेश त्रिवेणी घाट में प्रचार प्रसार को खत्म करते हुए जनता को संबोधित किया।

आखिर 1 दिन का समय शेष है जनता के फैसले को। ऋषिकेश में बीजेपी , कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और उत्तराखंड जन एकता पार्टी और यूकेडी आमने सामने है।

इन 21 सालों में ऋषिकेश में कोई खासा बदलाव नही आया है। सरकार कोई भी आये ,जनप्रतिनिधि जनता जिसे भी बनाये लेकिन उसके बाद भी जागरूक रहने की जरूरत हैं।

ऋषिकेश में कोई ऐसा रोजगार के साधन नही है। ऋषिकेश वासियों को रोजगार के लिए ऋषिकेश से बाहर जाना पड़ता है। कोई ऐसा सरकारी स्कूल नही है जहां अच्छी पढ़ाई हो, पब्लिक स्कूलों की बढ़ती फीस के बोझ के तले दबे मा-बाप। इसी तरह स्वास्थ्य के लिए कोई अच्छा अस्पताल नही। डिलीवरी के समय महिला डॉकटर अंतिम समय मे हाथ खड़े कर देती है कि हमारे बस का नही है डिलिवरी करवानी मजबूरन प्राइवेट हॉस्पिटल में जाना पड़ता है। जहाँ एक डिलीवरी का खर्च 50 हजार से ज्यादा आता है। ऐसी बहुत सी समस्याएं है। मेडिकल, नर्सिंग कॉलेज नही, इंजीनियरिंग कॉलेज नही। कोई फैक्टरी नही।

रियल में जो गरीब है उसकी कोई मदद नही , विधवाओं, दिव्यांगो, गरीबो के लिए जो योजना आती है ये उन तक नही पहुँच पाती।

वोट देना भी जनता का काम है और अगले पांच सालों में हर दिन जीतने वाले को यह अहसास करवाना है कि किन उम्मीदों पर विधायक बने हो ये जताना भी जनता का काम है। क्योंकि समय का पहिया घूमता है अगले पांच साल बाद फिर नेताओं को जनता की जरूरत पड़ती है।

लोकतंत्र है इस लोकतंत्र का सद्पयोग करना है , वोट देना है