ऋषिकेश: वीरभद्र में तैयार हो रहा है हर्बल गार्डन। लगाए गए 1600 औषधीय और छायादार पौधों। भ्रमण, मेडिटेशन, योगासन के लिए भारी संख्या में आ रहे है लोग।
उत्तराखण्ड टाइम्स/ ऋषिकेश। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त पर्यावरण प्रमुख एवं नमामि गंगे कार्यों की समीक्षा के लिये जिलाधिकारी देहरादून की अध्यक्षता में गठित जिला गंगा सुरक्षा समिति देहरादून के नामित सदस्य पर्यावरणविद विनोद जुगलान द्वारा समिति को दिए गए प्योर ऑक्सीगार्डन की परिकल्पना के सुझाव पर नमामि गंगे योजना के अंतर्गत वन विभाग की ओर से गंगा कैचमेंट एरिया में वीरभद्र वनबीट अंतर्गत डेढ़ हेक्टेयर वन भूमि पर कोविड काल के दौरान स्थापित हर्बल गार्डन अब विकसित होने लगा है।
लगभग चार एकड़ भूमि पर एक दर्जन से अधिक प्रजाति सोलह सौ औषधीय और छायादार पौधों को पौधरोपण के बाद यहाँ संरक्षित किया गया है। पैदल भ्रमण करने वालों के लिए सीमेन्ट टाइल्स की तीन सौ मीटर लम्बी पगडण्डी तैयार की गई है।लोक संस्कृति के पर्व इगास से पूर्व यहाँ वन विभाग द्वारा आधा दर्जन बेंच और दो सौर ऊर्जा प्रकाश स्तम्भ लगाए गए।
मौके पर वन दरोगा स्वयम्बर दत्त कण्डवाल,वनबीट अधिकारी राजेश बहुगुणा,वनकर्मी मनोज कुमार,सुरेश कुमार,साहिल भण्डारी, सूरज कुमार,रेखा देवी आदि उपस्थित रहे। जिला गंगा सुरक्षा समिति के सदस्य विनोद जुगलान सहित यहाँ नियमित रूप से योगासन के लिए आने वाले योग नगरी ऋषिकेश के सदस्यों ने वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश एमएस रावत का सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आभार जाताया। गौरतलब है कि प्योर ऑक्सीगार्डन की यह पहली परिकल्पना है जहाँ लोग बड़ी सँख्या में प्रातः भ्रमण, मेडिटेशन, योगासन के लिए आ रहे हैं।