ऋषिकेश: साईं घाट पर गंगा नदी में बह के आया काकड़, वन विभाग ने किया रेस्क्यू छोड़ा जंगल में

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उत्तराखण्ड टाइम्स/ ऋषिकेश : दो दिन की बारिश से इंसान ही नहीं बल्कि वन्य जीव भी प्रभावित हुए हैं। आफत के तौर पर आयी बिन मौसम यह बारिश से उत्तराखंड काफी प्रभावित रहा है । ऐसे में आज सुबह गंगा नदी के रौद्र रूप के देखते हुए डर लग रहा है लेकिन इसमें एक हिरन के परिवार की प्रजाति काकड़ बह के आ गया। और वह साईं घाट किनारे आ कर फंस गया । मौके पर  मंदिर के पुजारि की नजर  इस पर पड़ी और तुरंत वन बिभाग को सूचित किया। ऋषिकेश रेंजर महेंद्र सिंह रावत ने तुरंत अपनी रेस्क्यू टीम को रवाना किया जिसमें दीपक सिंह कैंतुरा और कमल सिंह राजपूत थे।

जिन्होंने मौके पर पहुंच  कर काकड़ को अपनी गोद मे उठाकर गाड़ी में  रखकर रेंज कार्यालय में लाया गया। वहाँ पर रेंजर महेंद्र सिंह रावत ने काकड़ को उठा कर प्राथमिक उपचार दिया। उसके बाद वन कर्मचारियों को जंगल मे छोड़ने के निर्देश दिए। वन विभाग कर्मियों के द्वारा काकड़ को उसके अनुकूल  वातावरण जंगल मे छोड़ा गया।

आपको बता दे कि काकड़ के पैरों में हल्की फुल्की खरोंचे थी जिसका उपचार वन विभाग के कर्मियों द्वारा किया गया।

वहीं उस दौरान साईं घाट मन्दिर के आगे यह काकड़ बैठा हुआ था । नदी में बहने की वजह से काफी शांत था।शायद काफी ठंड लगी हो।

गंगा नदी का काफी रौद्र रूप पिछले दो दिनों से देखने को मिल रहा है। पहाड़ी इलाको में बारिश के चलते नदी में पानी का लेवल काफी बढ़ गया है ऐसे में वन्यजीव भी कहीं न कहीं प्रभावित हुए है जिसका नतीजा है कि यह काकड़ आज बह कर आ गया हैं।

वन विभाग के लिए रेस्क्यू करना ड्यूटी के साथ साथ एक सेवा भी है । जब काकड़ को जंगल मे रिलीज़ किया गया उस समय वन कर्मियों के चेहरे में मुस्कान साफ नज़र आ रही थी।

इस दौरान वन कर्मियों में कमल सिंह राजपूत, दीपक सिंह कैंतुरा, स्वयंवर दत्त कंडवाल, सुनील कुमार मौजूद रहे  … हो भी क्यों नही वन्य जीव को बचाना उनका कर्तव्य भी है और सेवा भी , इसलिए हम कह सकते है कि ऐसे वन विभाग है तो वन्य जीव भी।

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