ऋषिकेश : IDPL मैदान में 80 युवक युवतियों को “वर्दी” पहनाने की तैयारी करवा रहे है पूर्व फौजी “बॉक्सर” विजय डिमरी
ऋषिकेश : किसी भी हुनूर को सीखने के लिए एक गुरु की आवश्यकता होती है. ऐसे ही गुरु की शिक्षा पा रहे है ऋषिकेश IDPL मैदान में 80 युवक और युवतियां । जो पसीना बहा रहे हैं क्योँकि इन सबको वर्दी पहननी है. यानी पुलिस और फ़ौज में के लिए l
ऐसे में इन युवाओं के मन में जज्बा, जोश और लक्ष को कैसे पाया जाए उसी पर काम चल रहा है. ये युवक और युवतियां आगामी पुलिस की भर्ती के लिए दिन रात पसीना बहा रहे हैं. डिमरी न सिर्फ केवल इनका फिजिकल मजबूत करवा रहे हैं बल्कि ऑनलाइन असाइनमेंट देकर युवाओं का ज्ञान भी बढ़ा रहे हैं. सैनिक प्रदेश उत्तराखण्ड से फौजियों के बहादुरी तो सबने सुनी है लेकिन इस तरह से समाज के प्रति समर्पित एक नेक काम के लिए बहुत कम ही लोग दिखते हैं. दो महीने से इनकी ट्रेनिंग चल रही है इस मैदान में. 42 युवक और 38 युवतियां दिन रात पसीना बहा रहे हैं डिमरी के सानिध्य में. इनमें चार युवक और युवतियां ऐसे भी हैं जो दूरस्थ पहाड़ों से यहाँ पर सिर्फ ट्रेनिंग लेने आये हैं. घर छोड़ कर डिमरी के सानिध्य में ट्रेनिंग कर लक्ष को हासिल करना चाहते हैं. जिसमें से ऋषिकेश और इसके आस-पास क्षेत्र के अलावा पौड़ी और टिहरी से भी हैं. जो यहाँ पर किराए के मकान में रह रहे हैं और ट्रेनिंग कर रहे हैं. कई शादी शुदा भी हैं बच्चे भी हैं उनके लेकिन घर छोड़कर वर्दी पहनने के लिए अपने आप को तैयार कर रही हैं. क्योँकि कहावत है न हर घर से एक फौजी है उत्तराखण्ड में….इसलिए वर्दी के लिए जज्बा दिखता है इन युवावों में. क्योँकि खून में देश सेवा, राज्य सेवा है. डिमरी ने बताया युवाओं से दौड़, लम्बी कूद, ऊँची कूद के अलावा अन्य अभ्यास और इनको प्रश्न भेज कर सामान्य ज्ञान भी इनका मजबूत करवा रहे हैं. ताकि लिखित परीक्षा में भी ये आगे रहें और जो मानक हैं भर्ती होने के उनमें फिट बैठ सकें.
युवतियां जो पहाड़ से आयी हैं ट्रेनिंग के लिए उनमें से टिहरी से स्वाति, सानिया, कविता और रीना देवी कुकरेती हैं.रीना का छोटा बच्चा भी है और पौड़ी जिले में अपने गाँव से यहाँ पर किराए के कमरे में रह रहीं हैं और ट्रेनिंग ले रही हैं. ऐसे ही कई युवक ऐसे हैं जो रात में नौकरी कर रहे हैं और सुबह शाम ट्रेनिंग के लिए मैदान में रहते हैं.
डिमरी ने बताया इनमें से कई खिलाड़ी भी निकल रहे हैं. आने वाले समय में थोड़ा इनको सुविधाएँ मिल गयी तो ये नेशनल तक जा सकते हैं. डिमरी का कहना है इनमें से उन्हें उम्मीद है आगामी पुलिस भर्ती में काफी बच्चे निकल जायेंगे. दो महीने में फिटनेस पर काम करने के बाद इनका फिटनेस लेवल काफी मजबूत हो चूका है और एक कॉन्फिडेंस इनमें दखने को मिला है. ट्रेनिंग देने के लिए बाकायदा ग्रुप बनाये हुए हैं युवाओं के और उनमें से एक कैप्टेन बनाया गया है. जो अपने ग्रुप को लीड करेगा और उसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट देते रहेगा.
आपको बता दें, पुलिस भर्ती होने वाली हैं, इसके लिए बाकायदा फ़ार्म भरे जा चुके हैं और उसके लिए ये युवा तैयार हो रहे हैं. उसके बाद फ़ौज के लिए भी ये कोशिश करेंगे.
डिमरी ने अपने इस ग्रुप में नाम रखा है आर्मी पुलिस फिजिकल (APP). डिमरी ने बताया उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल बनाया है इसी नाम से उसी को देखकर ये युवा आये और जुड़े हैं. अब इनको लक्ष के लिए तैयार करना मेरा काम है बाकी इनकी किस्मत है.शारीरिक तौर पर और दिमागी तौर पर इनको हुम तैयारी करवा रहे हैं उम्मीद हैं इनमें काफी अच्छा रिजल्ट देंगे. देखा जाये, इस तरह से स्वस्थ्य के प्रति समर्पित कुछ ही संख्या में पूर्व फौजी अपने ब्यस्तम गृहस्थ जिंदगी में से इस तरह से समाज को समय दे दें तो, यह प्रदेश के स्वस्थ्य के लिए फायदेमंद होगा.
हॉकी कोच भी प्रभावित-
इसी मैदान में वर्षों से निशुल्क हॉकी के गुर सिखा रहे ओपी गुप्ता का भी कहना है, हम लोग भी प्रभावित हुए हैं जैसे विजय डिमरी ट्रेनिंग करवा रहे हैं. इसका फायदा हमें भी मिलेगा क्योँकि इनमें से कई शानदार खिलाड़ी भी निकल रहे हैं. बाकी फौजी ट्रेनिंग से बढ़िआय और कोई ट्रेनिंग हो नहीं शक्ति. अनुशासन और मेहनत जहाँ पर होगी वहां पर सफलता निश्चित मिलेगी.
कौन हैं विजय डिमरी ?
सेना की मजबूत ऐतिहासिक रेजिमेंट गढ़वाल राइफल से सेवानिवृत हैं 22 गढ़वाल से हवलदार के पद पर सेवनिरत हुए हैं. इस दौरान वे जम्मू,कश्मीर, लेह लद्दाख, कारगिल, अरुणआँचल प्रदेश (नेफा) व् देश के अन्य जगहों पर पोस्टिंग रहे. मनसा देवी क्षेत्र में पिछले 4 वर्ष से रहे हैं और दो महीने से इन युवाओं के साथ पसीना बहा रहे हैं. फ़ौज में रहते हुए डिमरी बॉक्सिंग किया करते थे इसलिए शारीरिक मेहनत कैसे की जाती हैं उनको अच्छी तरह पता है. मूल रूप से तिलवाड़ा क्षेत्र रुद्रप्रयाग के रहने वाले हैं डिमरी. एक बेटा और एक बेटी के पिता डिमरी अपने परिवार के साथ मनसा देवी में चार साल पहले बसे हैं. डिमरी 31 मार्च 2021 को सेवानिवृत हुए हैं. 18 मार्च 2002 को सेना में भर्ती हुए थे गौचर में. उसी वर्ष वे उत्तराखंड पुलिस में भी भर्ती हुए थे लेकिन उन्होंने सेना को चुना. फिर गढ़वाल राइफल में देश सेवा की. डिमरी के बड़े भाई साहब एसपी डिमरी पुलिस में दरोगा हैं वर्तमान में नरेंद्र नगर में तैनात हैं. इण्टरमीडियेट तक पढ़ने के बाद सेना में भर्ती हो गए थे विजय डिमरी. शुरुवाती पढ़ाई लिखाई इनकी रुद्रप्रयाग जिले के तिलवाड़ा में हुई है. इनका मूलतः गाँव हरियाली है. डिमरी का कहना है फिजिकल फिटनेस के लिए वे दिन रात मेहनत करते हैं. युवा अगर फिजिकल फिटनेस की तरफ धयान दें तो नशे की तरफ नहीं जायेंगे. उनका कहना है, हमारा युवा आजकल नशे की तरफ जल्दी चला जाता है जिससे हमारी पीढ़ियों पर संकट आ गया है.यह गंभीर बात है हमें इनको बचाना होगा समाज में.