एक महिला एंकर में तालिबान के एक प्रतिनिधि का इंटरव्यू लिया/इंटरव्यू की तस्वीर हो रही है वायरल

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Uttrakhand Times/ International  :-  मंगलवार 17 अगस्त को अफगानिस्तान के टोलो न्यूज़ चैनल में एक महिला एंकर में तालिबान के एक प्रतिनिधि का इंटरव्यू लिया टोलोन्यूज इंटरव्यू की तस्वीरें सोशल मीडिया में काफी वायरल हो रही है । अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद यह पहला इंटरव्यू था तब से ही महिलाओं और उनके अधिकारों की सबको चिंता सताई जा रही है हालांकि तालिबान अपनी पुरानी छवि बदलना चाह रहा है यह नया तालिबान है जो औरतों के अधिकार देने में विश्वास रखता है. लेकिन उसकी असलियत किसी ना किसी तरह सामने आ ही रही है.

महिला एंकर ने हेमाद से पूछा कि काबुल की स्थिति पर उसका क्या कहना है, जहां तालिबानी लड़ाके घरों की तलाशी ले रहे हैं. इसके जवाब में तालिबानी प्रवक्ता हेमाद ने कहा,

“पूरी दुनिया अब मानती है कि तालिबान अफगानिस्तान के असली शासक हैं. मैं अब भी हैरान हूं कि लोग तालिबान से डरते हैं.”

हेमाद ने आगे कहा कि वो अल्लाह के शुक्रगुजार हैं कि उनके संगठन ने अपने लक्ष्य को हासिल किया है. हेमाद ने कहा कि इसके लिए तालिबान के कई लोग शहीद हुए हैं. उन्होंने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को ‘अच्छी स्थिति’ बताया, क्योंकि इस पूरे युद्ध में मारे गए आम लोगों की संख्या 50 से ज्यादा नहीं रही.

इंटरव्यू में अब्दुलहक हेमाद ने तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब के बारे में भी बात की. कहा,

“उनके शब्द तालिबान के लिए महत्व रखते हैं. उन्होंने कहा था की लोगों के बीच तालिबान की ओर से परेशानी नहीं पैदा होनी चाहिए. इसलिए तालिबान के मुजाहिदीन ने देश में कोई परेशानी पैदा नहीं की है.”

तालिबान के शासन में प्रेस की आजादी होगी या नहीं, ये एक अहम सवाल है. इसे लेकर तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा था,

“मीडिया को किसी की भी आलोचना करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन किसी का चरित्र हनन नहीं करना चाहिए. “

तालिबान के ये कहना का क्या मतलब है, इसे लेकर अलग-अलग बातें की जा रही हैं. मसलन, टोलो न्यूज के संस्थापक और मोबी मीडिया ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी साद मोहसेनी ने बीबीसी से बातचीत करते हुए इसे खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि तालिबान जल्दी ही उन पत्रकारों पर सख्त प्रतिबंध लगाएगा जो प्रशासन से कड़े सवाल करते हैं.

मोहसेनी ने कहा, “तालिबान सरकार में रहने वाला है. अब अगर आप उनकी आलोचना करना शुरू कर दें तो क्या होगा? जब तक आप सरकार की आलोचना नहीं करते हैं, तब तक आप जो चाहें प्रसारित कर सकते हैं. लेकिन उसके बाद नहीं.”