ऋषिकेश -अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आयोजित वर्ल्ड एंटीबायोटिक सप्ताह के तहत ओपीडी एरिया में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया, जिसके माध्यम से आम लोगों को एंटीबायोटिक के दुष्प्रभावों के प्रति आगाह किया गया।
गौरतलब है कि एम्स ऋषिकेश में बीते शुक्रवार से वर्ल्ड एंटीबायोटिक सप्ताह के तहत मनाया जा रहा है। जिसके तहत सोमवार को संस्थान के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन एवं कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से ओपीडी एरिया में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। बीएससी नर्सिंग की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किए गए इस नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से मरीजों व उनके तीमारदारों को एंटीबायोटिक के सही इस्तेमाल के तौर तरीके बताए गए। इसके साथ ही टीम द्वारा एंटीबायोटिक का गलत इस्तेमाल करने से होने वाले शारीरिक दुष्प्रभावों के प्रति भी लोगों को आगाह किया गया। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित जनजागरुकता के विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान लोगों को बताया गया कि हैंड हाईजीन से किस तरह से एंटीबायोटिक के उपयोग को कम किया जा सकता है। इस दौरान मरीजों व उनके तीमारदारों ने एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों से सवाल-जवाब कर एंटीबायोटिक के उपयोग को लेकर कई तरह की जानकारियां हासिल की।
संस्थान में जनजागरुकता से जुड़े एक अन्य कार्यक्रम में डॉक्टर अम्बर प्रसाद ने हेल्थ केयर वर्करों को संबोधित करते हुए एडल्ट वैक्सीनेशन अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति को भी विभिन्न संक्रामक रोगों से बचने के लिए समय-समय पर टीकाकरण करवाना चाहिए। उन्होंने हेल्थ केयर वर्करों से विशेषतौर से आह्वान किया कि मरीजों की सेवा करने के दौरान उन्हें संक्रमण का सर्वाधिक खतरा रहता है। इसलिए प्रत्येक हेल्थ केयर वर्कर को हेपेटाइटस, नीमो कॉकल और एमएमआर आदि वैक्सीन अनिवार्यरूप से लगानी चाहिए।
इस दौरान डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉक्टर मीनाक्षी धर, डा. प्रसन्न कुमार पंडा, माईक्रोबॉयलॉजी विभाग के प्रोफेसर बलरामजी ओमर, कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल डॉ. स्मृति अरोड़ा, चीफ नर्सिंग ऑफिसर रीटा शर्मा सहित डॉ.राखी मिश्रा, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. जेवियर बैल्सी, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. प्रसन्ना जेली, डॉ. राजाराजेश्वरी, डॉ. रूचिका रानी, डॉ. राकेश शर्मा, नर्सिंग ट्यूटर आस्था और कीर्ति, अन्य नर्सिंग ट्यूटर, एसएनओ, डीएनएस, एएनएस और विभिन्न विभागों के एसआर व जेआर चिकित्सक व नर्सिंग ऑफिसर शामिल थे।