कार्यस्थल पर एक अच्छे लीडर की वही पहचान है कि उसमें समानता का भाव हो उसके करनी व कथनी एक हो : अजय अग्रवाल

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हरिद्वार। कॉर्पोरेट जगत में अपनी अलग पहचान बना चुके अजय अग्रवाल ने कहा कि प्रतिभा तो हर व्यक्ति में है, लेकिन लीडर वही बनता है जिसमें दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता हो, जो कामयाबी का श्रेय अपनी टीम को और असफलता का श्रेय खुद अपने ऊपर ले वही असली लीडर होता है। अजय अग्रवाल यह बात हरिद्वार में सिडकुल मैन्युफैक्चरर्स व हरिद्वार मैनेजमेंट एसोसिएशन के तत्वाधान में आयोजित एक मोटिवेशन कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि कारपोरेट जगत में या कार्यस्थल पर एक अच्छे लीडर की वही पहचान है कि उसमें समानता का भाव हो उसके करनी व कथनी एक हो। उन्होंने कहा कि लीडर व प्रबंधक की कार्यशैली में काफी फर्क है लीडर हमेशा नेतृत्व को सोचता है लीडर हमेशा विक्रमादित्य की सीट पर होता है नेतृत्व करते समय उसका व्यवहार न्याय पूर्ण होना चाहिए। अगर पक्षपात करेगा तो सारे कर्मचारी की दक्षता का लाभ नहीं उठा पाएंगे। कामयाबी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि श्रम शक्ति का सही उपयोग किया जाए तभी प्रोडक्शन भी बेहतर होता है व्यक्ति वही कामयाब होता है जो अपने शर्त व उसूलों पर जीये। श्री अग्रवाल ने कहा कि पुराने अनुभव के आधार पर हम अपनी सोच को एक खास दिशा में तय करके उसी के मुताबिक सोचने लगते हैं। नई चुनौतियां स्वीकार के लिए नए टूल्स होने चाहिए इसलिए किसी भी काम को बेहतर करने के लिए पुराने सोच को बदलकर नई सोच विकसित करनी होगी। साथ ही मानना होगा कि बदलाव हो रहा है और इसे अपने जीवन में लागू भी करना होगा। उन्होंने कहा कि जागरूकता कोतुहल और सचेत रहने के साथ ही तकनीकी का ज्ञान भी आगे बढ़ने के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि मूल्यों पर स्थिर रहने से निर्णय लेने में देर नहीं लगती और समय प्रबंधन भी यही से शुरू होता है। मूल्यों पर स्तर रहने वाला ही लंबी रेस का घोड़ा होता है।