किसी खास शख्सियत के निधन पर क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय शोक। जानिए इसके नियम
स्वर कोकिला नाम से प्रसिद्ध सिंगर लता मंगेशकर ने 6 फरवरी को अंतिम सांस ली । पूरा देश ही नही बल्कि विदेशों में भी लोग शोक मना रहे है। तीन नेशनल अवॉर्ड, पद्म भूषण और भारत रत्न जैसे सम्मान पा चुकीं लता के निधन पर सरकार ने दो दिन के राष्ट्रीय शोक (National mourning) की घोषणा की है।
जानिए क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय शोक , इसे मनाने के कुछ खास नियम है-
कुछ तय पदों के अलावा किसी शख्सियत के निधन पर राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा या नहीं, यह फैसला लेने का अधिकार राष्ट्रपति के पास होता है। राष्ट्रध्वज आधा झुकाने को लेकर भी खास नियम होते हैं। यह केवल भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में होता है।
राष्ट्रीय शोक के दौरान राष्ट्रध्वज आधा झुका (Half Mast) रहता है। राष्ट्रीय ध्वज का आधा झुकना राजकीय शोक दर्शाता है. किसी खास शख्सियत के निधन पर उनके प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए ऐसा किया जाता है।
भारतीय झंडा संहिता के मुताबिक, देश की कुछ खास शख्सियतों के निधन पर राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाया जाता है। इनमें राष्ट्रपति, उप-उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोक सभा अध्यक्ष, देश के न्यायाधिपति, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, उप-राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राज्यमंत्री शामिल हैं। इसके अलावा किसी खास व्यक्ति के निधन पर ऐसा किया जा सकता है लेकिन इस पर फैसला करने का अधिकार राष्ट्रपति के पास होता है। इससे जुड़े दिशा-निर्देश गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए जाते हैं.
क्या है नियम?
जब भी ऐसा किया जाता है तो पहले झंडे को पूरी ऊंचाई में ऊपर उठाया जाता है और फिर धीरे-धीरे नीचे लाते हुए आधा झुकाया जाता है। इस दौरान सिर्फ तिरंगा को ही आधा झुकाया जाता है। इसके अलावा अगर कहीं पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ किसी संस्था का फ्लैग है तो वह सामान्य ऊंचाई पर ही रहता है। इसे नहीं झुकाया जाता है।