कुंभ तीर्थ क्षेत्र हरिद्वार से देवप्रयाग तक मांस और शराब की बिक्री एवं सेवन वर्जित करवाएं सरकार

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कुंभ तीर्थ क्षेत्र से वर्जित हो मांस और शराब संत समाज की मांग

ऋषिकेश: अखिल भारतीय संत समिति के तत्वाधान में राम तपस्थली आश्रम ब्रह्मपुरी में बृहद संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें संतो ने सम्पूर्ण कुंभ क्षेत्र की मांस और शराब से मुक्त करने की मांग उत्तराखण्ड सरकार से की है।

संत सम्मेलन का आयोजन की अध्यक्षता कर रहे महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज ने कहा उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है और देवभूमि में शराब मीट मांस का सेवन इस पवित्र भूमि को आसुरी बना रहा है। विदेशों से आने वाले लोग उत्तराखंड में योग की तलाश करते हैं पर उनको यहां भोग के रूप में शराब और मीट मांस परोसे जाते हैं।

संत समिति के अध्यक्ष स्वामी गोपालाचार्य ने कहा की हरिद्वार से लेकर देवप्रयाग तक कुंभ तीर्थ क्षेत्र है इसमें यदि शराब मीट मांस के सेवन को तत्काल रुप से बंद नहीं किया गया तो अखिल भारतीय संत समिति के तत्वाधान में संतों का आंदोलन निश्चित है।

सम्मेलन का संचालन करते हुए तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य ने कहा की वर्तमान प्रदेश सरकार सनातन परंपराओं को संरक्षित करने का कार्य तभी कर सकती है जब संपूर्ण कुंभ क्षेत्र में मीट मांस एवं शराब की बिक्री एवं सेवन पूर्णतः वर्जित हो। महंत लोकेश दास ने कहा की जो सरकार संतो के आशीर्वाद से सत्ता में आई हो वह यदि संतो की मांगों को पूरा नहीं करेगी इसका परिणाम सरकार को शीघ्र ही भुगतना पड़ेगा।संतो ने सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया की संतों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर अवगत कराएगा की हरिद्वार ऋषिकेश की तरह संपूर्ण कुंभ क्षेत्र अर्थात हरिद्वार से लेकर देवप्रयाग तक शराब मीट मांस की बिक्री तत्काल रुप से बंद हो।


इस अवसर पर सम्मेलन में स्वामी आलोक हरि जी महाराज स्वामी अखंडानंद, महंत परमानंद दास, स्वामी शंकर तिलक महाराज, श्याम स्वरूपानंद, पवन दास, राम चैतन्य, चक्रपाणि दास, केशव स्वरूप ब्रह्मचारी, चित्रमणि स्वामी सुदर्शनाचार्य चेतन स्वरूप उमेशानन्द महाराज प्रमोद दास महावीर दास सच्चिदानंद सरस्वती राम चैतन्य रामकृष्ण दास स्वामी विद्यानंद हरि मोहन दास आदि उपस्थित रहे।