गंगोत्री से गंगा सागर तक अविरल और निर्मल गंगा के लिए चिंतन-मंथन कर स्वच्छता की रूपरेखा तैयार

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मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती संघ के वरिष्ठ प्रचारक और गंगा समग्र के समन्वय राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामाशीष , वंदे मातरम के संस्थापक व गंगा समग्र के समन्वय राष्ट्रीय महामंत्री आशीष गौतम , गंगा समग्र के समन्वय उत्तराखंड के संगठन मंत्री निरंजन , विधायक यमकेश्वर रेणु बिष्ट और अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का किया उद्घाटन

क्या कहना है स्वयंसेवकों के गंगा के संवर्धन, संरक्षण को लेकर देखिये इस रिपोर्ट में-

ऋषिकेश, 16 अप्रैल। परमार्थ निकेतन में आयोजित गंगा समग्र अभियान का उद्घाटन मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती , संघ के वरिष्ठ प्रचारक और गंगा समग्र के समन्वय राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामाशीष वंदेमातरम के संस्थापक व उत्तराखंड नमामि गंगे के संगठन मंत्री आशीष गौतम , विधायक यमकेश्वर रेणु बिष्ट और अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया।

स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज


परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गंगा समग्र अभियान के अन्तर्गत गंगा और सहायक नदियों को स्वच्छ और निर्मल करने के लिये गंगा समग्र का राष्ट्रीय कार्यकर्ता संगम शुरू हुआ। इस कार्यक्रम में गंगोत्री से गंगा सागर तक अविरल और निर्मल गंगा करने हेतु चिंतन-मंथन कर स्वच्छता की रूपरेखा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में बनायी जा रही है।

श्यामप्रकाश रतूड़ी ,अध्यक्ष सेतु फाऊंडेशन के द्वारा गंगा के सरंक्षण और संवर्धन और ऋषिकेश के पर्यटन को लेकर दिए अपने विचार ।



इस कार्यक्रम में गंगा तट पर बसे भारत के पांच प्रदेशों से कर्मठ और कर्मयोगी कार्यकर्ताओं ने सहभाग किया। इसके माध्यम से उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, बिहार, झारखंड और बंगाल तक गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने हेतु विशद् चर्चा की गयी। साथ ही गंगा और सहायक नदियों को स्वच्छ रखने के लिये कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है तथा उन्हें श्रमदान हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है।


स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा के सामाजिक, आध्यात्मिक और आर्थिक महत्व को देखते हुए नमामि गंगे परियोजना को शुरू कर भारत की नदी संस्कृति को पुनर्जीवित करने की अद्भुत शुरूआत की है। स्वामी जी ने कहा कि अब नदी संस्कृति को नागरिक संस्कृति बनाना होगा; जल क्रान्ति को जन क्रान्ति बनाना होगा, जल जागरण को जन जागरण बनाना होगा इससे न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर मानवता की रक्षा का मार्ग प्रशस्त होगा।


स्वामी ने कहा कि गंगा सहित अन्य नदियों के लिये किए जाने वाला प्रत्येक प्रयास न केवल नदी संस्कृति बल्कि सनातन संस्कृति की रक्षा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यों से माँ क्रिटिकल स्थिति में नहीं बल्कि क्रिस्टल क्लीयर में पहंुचे यही सभी का प्रयास होना चाहिये।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गंगा समग्र अभियान केवल सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट नहीं बल्कि प्रत्येक व्यक्ति का होना चाहिये। गंगा स्वच्छता अभियान को जब सरकार के साथ समाज भी अपने हाथों में ले लेगा तो निश्चित रूप से परिवर्तन होगा।


स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने मुख्यमंत्री और अन्य कर्मठ कार्यकर्ताओं को रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर उनका अभिनन्दन किया।