गाडू घड़ी की परंपरा को निभाती राजपरिवार की महिलाएं, देखिए रिपोर्ट

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खास रिपोर्ट

नरेंद्रनगर: बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तैयारियां शुरू हो चुकी है महारानी माला राज्य लक्ष्मी और राजकुमारी श्रीजाटीका शाह की अगुवाई में सुहागिन महिला तिलों का तेल निकलती है।


भगवान बदरी विशाल के कपाट खुलने की परंपरा का श्रीगणेश हो गया है सदियों पुरानी गाडू घड़ी परंपरा के तहत आज टिहरी राजपरिवार की महिलाओं और राज परिवार से जुड़ी महिलाओं द्वारा हाथों से निकाले तिलों के तेल को घड़ों में भरकर बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना किया गया है इसी तेल से कपाट खुलने के बाद अगले 6 महीने तक भगवान का श्रृंगार और अभिषेक किया जाता है।


उत्तराखंड में टिहरी नरेश के नरेंद्र नगर स्थित राज महल जहां भगवान बद्रीनाथ के सिंगार के और पूजा के लिए तिल का तेल निकालने के लिए गाड़ी घड़ी परंपरा को निभाया जा रहा है। पीले वस्त्रों में सजी-धजी यह सुहागिन महिलाएं राज महल में टिहरी राजवंश की राजकुमारी श्रीजा टीका शाह और महारानी राज माला राज्य लक्ष्मी शाह के साथ तेल निकाल रही हैं एक कलश को भरने के लिए तिलों का तेल निकाल रही हैं ।
आपको बता दे यह परंपरा राजपरिवार सदियों से निभाता रहा है तेल कलश में भरने के लिए महिलाएं पूरे दिन बिना कुछ खाए पिए मुंह पर पीला रंग का कपड़ा मुंह पर बांधकर तेल निकालने का काम करती है यह पूरा काम टिहरी की महारानी और राज परिवार से जुड़ी महिलाओं के साथ सुहागिन महिला ही करती है सुबह से व्रत रखकर भगवान की सेवा के लिए दूरदराज क्षेत्रों से आई यह सभी महिलाएं किसी ना किसी रूप से राजमहल की जुड़ी हुई है।

महिलाओं का कहना है कि हाथों में तिल को पीसकर उसका निकलकर भगवान की भगवान की मूर्ति की मालिश के काम आता है हम सभी जन्म लेती है अपने को सौभाग्यशाली मानती है । तिल का तेल पंच प्रयाग होता हुआ बद्रीनाथ पहुंचता है कपाट खुलने तक शीत निद्रा से जागने पर भगवान के अभिषेक में काम आता है।