गीता भवन से निकाले हुए कर्मचारी हुए मजबूर, अपने हक पाने के लिए चढ़े पानी की टंकी के ऊपर

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ऋषिकेश स्वर्गाश्रम क्षेत्र में स्थित गीता भवन के कर्मचारियों का मुद्दा अब गरमाता जा रहा है।  अब कर्मचारी अपने हक  की लड़ाई करने के लिए  कुछ भी कर गुजरने के लिए मजबूर हो चुके हैं।

आपको बता दे कि स्वर्ग आश्रम क्षेत्र में स्थित गीता भवन के ट्रस्टी यों ने गीता भवन विद्यालय में कार्य करने वाले 35 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। जिसको लेकर पिछले कई महीनों से कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं ।कर्मचारी माननीय उच्च न्यायालय में गए ,जिसके बाद न्यायालय ने यह मामला श्रम विभाग को स्थानांतरित कर दिया गया था। श्रम विभाग द्वारा दोनों पक्षों को बैठ कर  आपसी समझौते के द्वारा मामला निपटाने के आदेश दिए गए थे। बावजूद इसके गीता आश्रम के ट्रस्टीयों ने बिना किसी कारण के कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया और डेढ़ साल का मेहनताना भी नहीं दिया गया ।

आज कर्मचारियों ने पूरे परिवार सहित आर पार की लड़ाई लड़ने कि ठान ली है। गीता भवन के कर्मचारी बच्चों को लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए। कर्मचारियों की मांग है कि जब तक उनको नौकरी पर बहाल नहीं किया जाएगा तब तक वह पानी की टंकी से नहीं उतरेंगे ।जैसे ही इसकी सूचना पौड़ी प्रशासन को मिली तो तुरंत ही थानाध्यक्ष लक्ष्मण झूला व तहसीलदार यम्केश्वर मनजीत सिंह मौके पर पहुंचे और कर्मचारियों को समझाने बुझाने का प्रयास किया। गीता आश्रम ट्रस्ट के ट्रस्टी यों को मौके पर बुलाया गया। लेकिन ट्रस्टी अपनी बात पर अड़े हुए हैं और कर्मचारियों को उन्हें वापस काम पर ना लेने की जिद पर अड़े हुए हैं। इसी को लेकर गीता भवन के कर्मचारी लगातार टंकी पर चढ़े हुए हैं और प्रशासन द्वारा मामले को रजामंदी से निपटाने की कोशिश की जा रही है।