गुजराती समुदाय के लोग एकत्रित संस्कार संचन पर किया 4 दिन का सेमिनार
ऋषिकेश : मंगलवार को गंगा तीरे गुजराती समुदाय के लोग हुए एकत्रित। विषय था संस्कार संचन। 4 दिन के सेमिनार में गुजरात में सूरत व आसपास के क्षेत्र से लगभग 500 लोग तीर्थ नगरी ऋषिकेश पहुंचे हैं।
गीता भवन 7 में 4 दिन का सेमिनार चल रहा है। मंगलवार को सेमिनार का दूसरा दिन था। विषय था परिवारों में विघटन की समस्याएं और उसकी वजह से परिवार टूट रहे हैं।लोग क्रोधित हो रहे हैं कहीं न कहीं जीवन में हताशा है। इन सभी बिंदुओं को अपने प्रवचन के माध्यम से पीरो रहे थे मूर्तिमान प्रभु जी महाराज।
महाराज का कहना था यहां पर हम संस्कार संचय के माध्यम से परिवारों को जोड़ने का एक संदेश दे रहे हैं। हम चाहते हैं लोगों में एक जागरूकता फैले सकारात्मक पहल हो लोग एक दूसरे से जुड़े रहें न कि अलग रहें। ऐसे में टूटती कड़ियां जीवन को दुखदाई बना देती हैं। हम चाहते हैं यह कड़ियां न टूटे। इसलिए संस्कार जोड़ने का काम करते हैं। वही संस्कार संचय हम कर रहे हैं।
गुजरात के कई हिस्सों से आए हर आयु वर्ग के श्रद्धालु महाराज जी की कथा और विचारों के द्वारा मार्गदर्शन पा रहे थे। महाराज जी का कहना था पाश्चात्य संस्कृति से भारतवर्ष की संस्कृति को नुकसान हो रहा है। परिवारों में कलेश बढ़ रहे हैं। क्रोध पर नियंत्रण नहीं है। परिवार बिखर रहे हैं ऐसे में उन्होंने मूल मंत्र देते हुए परिवारों से एक होने की अपील की है जो संस्कार संचय के माध्यम से हम कर रहे हैं यहां पर। गंगा के तट पर गीता आश्रम में सूर्य ग्रहण के सूतक के दौरान श्रद्धालुओं के साथ भजन कीर्तन हो रहे थे गुजराती समुदाय के लोग नृत्य कर रहे थे गरबा के रूप में संगीत के माध्यम से गुरु मूर्तिमान दास प्रभुपाद की भक्ति में रंग जाने के बाद भजन कीर्तन गाते हुए श्रद्धालुओं ने ईश्वर को याद किया।
साथ ही इस दौरान स्वादिष्ट गुजराती व्यंजन भी श्रद्धालुओं को परोसे गए जिसमें मिठास ही मिठास भरा हुआ था। जो गुजराती खान पान को पूरी तरह से ऋषिकेश में गंगा किनारे माहौल को महका रहा था।ऋषिकेश में इस तरह का इनका पहला आयोजन था।सेमिनार में हीरा ब्यापारी व उनके कर्मचारी, परिवार के लोग एसआरके गारमेंट्स कंपनी के भी कर्मचारी आये हुए थे।