घाट पर घ्यान महोत्सव में देश विदेश से जुटेंगे योगाचार्य, 8 से 14 नवंबर तक होगा आयोजन
ऋषिकेश -योग महोत्सव घाट, मुनि की रेती में 14 नवंबर को पुराना ऊर्जा संस्थान दिल्ली द्वारा श्रीस्वामीनारायण आश्रम के तत्वाधान में एक महान योगदान महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है इस आयोजन का उद्देश्य है पारंपरिक योग एवं आध्यात्मिक संसाधनों के साथ प्रकृति की रचनाओं के भी प्रति लोगों को जागरूक एवं प्रशिक्षित करना इसके साथ-साथ स्थानीय कलाकारों कारीगरों उद्यमियों एवं उद्योग के प्रति लोगों को जागरूक एवं प्रशिक्षण करना इसके साथ-साथ प्रोत्साहन करने की योजना है।
इससे रोजगार के अवसर और इसी क्रम में दिल्ली के डॉक्टर विनोद कश्यप के सहयोग से प्राकृतिक एवं गांव के द्वारा शारीरिक एवं मानसिक रोगों के उपचार हेतु स्वामीनारायण आश्रम में सेंड किया गया है साधन पर पथ प्रगति करने के लिए तन मन से स्वस्थ होना आवश्यक है आधुनिक चिकित्सा पद्धतियां घातक रोगों से रक्षा की सिर्फ परिणाम देने की क्षमता होने पर भी संपूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करने में असमर्थ है इस महोत्सव में जहां एक और देश विदेश में सुविख्यात योग गुरु जैसे ऋषि राज, सुनील भग, योगाचार्य गंगाराम ,योगाचार्य सुनील, योगी चरत , श्री. सी. भंडारी, योग गुरु नीति विरखरे आदि के द्वारा प्रतिदिन आसन प्राणायाम मुद्रा ध्यान योग साधना का अभ्यास करवाया जाएगा वहीं दूसरी ओर आयुर्वेद चिकित्सा तथा अन्य जानकारियों के अपना स्वास्थ्य का ध्यान रख सके इसमें डा. सुनील जोशी मर्म चिकित्सा पर, आयुर्वेद पर डा. अविनाश लेले, नाड़ी विज्ञान पर गोविंदा द्विवेदी तथा डा. राव अमित नागपाल, जीवन शैली से उत्पन्न रोग और आयुर्वेद परिषद के सहयोग पर हामिद मुद्रा विज्ञान प्रयोग न्यूरो थेरेपी डा. रामगोपाल , आर एस चौहान देंगे
मार्गदर्शन इतना ही नहीं प्रतिदिन विष्णु यज्ञ मां गंगा की आरती सात्विक भोजन तथा कार्तिक पूर्णिमा के चंद्रमा में संगीत में ध्यान नगरी साधना संकीर्तन आदि अनेक कार्यक्रम के उत्साह को बढ़ाएं रखेंगे इसके साथ-साथ आध्यात्मिक विकास हेतु स्वामी गोविंद देव गिरी , महामंडलेश्वर विजय पुरी ,महामंडलेश्वर अभिषेक चैतन्य ,सिद्धार्थ कृष्ण, रामदास योगी ,ऋषिराज सुनील भगत ,जैसे विद्वानों विरक्त संतो महापुरुषों द्वारा जीवन के लक्ष्य धर्म एवं शुभकामनाएं के विषय में सत्संग का फल प्राप्त होगाइस महोत्सव में प्राइस 600 से अधिक लोगों के साथ दिन तक निवास- भोजन के साथ कार्यक्रम में भाग लेंगे लेने की व्यवस्था है इसके अलावा लगभग कितने ही लोगों के प्रति दिन बाहर से आकर सम्मिलित होने की आशा है।