युवा न्याय संघर्ष समिति के तत्वधान में त्रिवेणी घाट पर युवाओं महिलाओं ने अपनी संवेदनाएं शहीदों के प्रति दीप जलाकर व्यक्त की।

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राज्य स्थापना दिवस के मौके पर ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर आंदोलन निर्माण के दौरान शहीद हुए आंदोलनकारियों 21 हजार दीपों को जलाकर श्रद्धांजलि दी गई। युवा न्याय संघर्ष समिति के तत्वधान में आज त्रिवेणी घाट पर युवाओं महिलाओं ने अपनी संवेदनाएं शहीदों के प्रति दीप जलाकर व्यक्त की।


एक ओर जहां जहां पूरे प्रदेश में स्थापना दिवस के मौके पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए तो वही ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर शहीदों को 21 हजार दीप जलाकर श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान ज़ी मीडिया से बात करते हुए युवाओं और आंदोलनकारी महिलाओं ने कहा कि हमारा राज्य भले ही 22 वर्ष का हो चुका है लेकिन जिन भावनाओं और सपनो को लेकर राज्य निर्माण की लड़ाई लड़ी गई थी। वह आज पूरे नहीं हो पाए हैं। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, पलायन सहित कानून व्यवस्था पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए और कहा कि आज प्रदेश की दिशा और दशा ठीक नहीं है आइए जानते हैं क्या कुछ कहा उन्होंने।

महिलाओं का कहना है उनको अभी तक नहीं मिला अपने सपनों का उत्तराखंड। जिसको पाने के लिए उन्होंने बलिदान और शहादत दी लेकिन अभी भी नहीं मिल पा रहा है । बच्चे बेरोजगार हैं पलायन होता ही जा रहा है।आइए सुनिए क्या कहती हैं महिलाएं

उत्तराखंड के पहाड़ों से पलायन कर चुकी महिलाएं कहती है पहाड़ों में सुविधाएं होंगी तो वापस जाएंगे अपने गांव। सरकार सोचे पहाड़ों के बारे में। सुनिए मैत्री संस्था की अध्यक्षा कुसुम जोशी का यह गीत। यह गीत बयां करता है उत्तराखंड के संघर्ष को उत्तराखंड के लोगों की आस को जो अभी तक पूरी नहीं हुई है 22 साल का उत्तराखंड हो चुका है लेकिन पहाड़ों की हालत देखने ही लायक है।

अंकिता भंडारी को लेकर संघर्ष कर रही महिलाएं अंकिता को न्याय दिलाने के लिए मांग करती हैं गीत गाकर अपनी उत्तराखंड की बेटी को श्रद्धांजलि देती है सुनिए यह गीत