त्रिवेणी घाट में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचार का किया विश्वव्यापी शांतिपूर्ण प्रदर्शन

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उत्तराखण्ड टाइम्स/ ऋषिकेश:-अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) केे सदस्यों ने शनिवार शाम को त्रिवेणी घाट पर एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जिसमें कहा कि बांग्लादेश में पिछले दस दिनों में हिंदू समुदाय पर हमले हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) और अन्य संगठनों के मंदिरों में तोड़फोड़ की गई, देवताओं को अपमानित किया गया, दुर्गा देवी के पूजा पंडालों को जलाया गया। कट्टरपंथी भीड़ ने अपने हमलों के दौरान नोआखली में इस्कॉन के प्रानथ चंद्र दास और जतन चंद्र साहा सहित कई लोगों को मार डाला। बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समूहों पर इस तरह के हमले दशकों से होते आ रहे हैं। इस पर रोक लगाने की जरूरत है।

इस्कॉन ऋषिकेश और विश्वभर के अन्य केंद्र, वैश्विक हिंदू समुदाय के दर्द और शोक का एक विश्वव्यापी शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित कर रहे हैं जो बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ एकजुटता से खड़ा है और अल्पसंख्यकों के लिए बांग्लादेश सरकार से न्याय और सुरक्षा की मांग भी कर रहा है।

इसके अंतर्गत हम ‘जीवन और धार्मिक बहुलवाद’ पर चर्चा करने के लिए एक अभिसरण का आयोजन कर रहे हैं।
अनेक धर्मों और संस्थानों के प्रतिष्ठित व्यतियों का विचार है कि हम सभी भगवान के बच्चे हैं – प्रेम, शांति और सद्भावना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। संसार के धर्म अब एकांत में नहीं रह सकते, न ही वे तनाव या शत्रुता में रह सकते हैं। मानव जाति का जैविक संपर्क इतना व्यापक होता जा रहा है कि दुनिया के धर्मों को आपसी समझ और अंतर्संबंध के नए तरीकों की तलाश करनी चाहिए। धर्म समझाते हैं कि, सहिष्णुता की भावना, एक-दूसरे की आस्था के प्रति सम्मान और आत्म-अनुशासन के नियमों का पालन करने की इच्छा की अधिक आवश्यकता है। यह व्यक्तिगत और समूह दोनों स्तरों पर होना चाहिए।

यह विरोध किसी धार्मिक समुदाय या बांग्लादेश शासन के विरुद्ध नहीं है। यह बांग्लादेश के सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए है। हमारा दीर्घकालिक लक्ष्य यह देखना है कि हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक बिना किसी हमले या धमकियों के अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से अभ्यास करने में सक्षम हों और हमारे विरोध के तत्काल लक्ष्य हैं:

1. बांग्लादेश सरकार को अपने अधिकार में सभी वैध साधनों का उपयोग करके तुरंत हिंसा को समाप्त करना चाहिए।
2. इन अपराधों के दोषियों को गिरफ्तार करें और उन्हें कानून की पूरी सीमा तक सजा दें।
3. इन समुदायों के मंदिरों और आवासीय क्षेत्रों के लिए चौबीसों घंटे सुरक्षा के प्रावधान सहित हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ठोस कार्रवाई करें।

हम इस अवसर पर कश्मीर, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, म्यांमार, दुनिया के अन्य हिस्सों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा के प्रति चिंता व्यक्त तथा सभी कुकृत्यों की निंदा करते हैं।
सकारात्मक शक्तियों के साथ आने पर ही हम समाज की बुराइयों को दूर कर पाएंगे।