देहरादून, ऋषिकेश,मंसूरी और विकासनगर में कुट्टू आटे को खाने से कई लोग हुए बीमार।

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उत्त्तराखण्ड  टाइम्स / देहरादून / 09 अक्टूबर 2021 , जिला खाद्य संरक्षा अधिकारी/अभिहित अधिकारी पीसी जोशी ने अवगत कराया कि जनपद में आज देहरादून नगर निगम में 7, देहरादून ग्रामीण एवं मसूरी क्षेत्र के 5, ऋषिकेश 3, विकासनगर 5 सहित कुल 20 खाद्य व्यापारियों के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के तहत नमूने की रिपोर्ट मानक के अनुरूप नहीं पाए जाने के कारण न्यायालय में केस दर्ज करा दिए गए हैं।

उन्होनें बताया कि अधिकांश नमूने सब्सटेंडर्ड और मिल्क एंड मिल्क प्रोडक्ट कैटेगरी के है। नवरात्रि के दौरान आज कुट्टू के आटे के 4 सैंपल परीक्षण हेतु लैब भेजे गए हैं कुछ स्थानों से कुट्टू का आटा खराब होने की शिकायत भी मिल रही है, जिसका मुख्य कारण यह है कि कुट्टू का आटा केवल व्रत एवं नवरात्र के सीजन में ही उपयोग होता है ओपन आटे की शेल्फ लाइफ 1 माह तक होती है व्यापारी पुराना बचा आटा अगले नवरात्र तक रखते हैं जिसमें कि फंगल एवं इंसेक्ट ग्रोथ के कारण खराब हो जाता है जो व्यापारी बिना उपयोग अवधि के ही भंडारण और विक्रय कर रहे है उसकी खराब होने की संभावना है उपभोक्ता का भी यह दायित्व है कि उसकी उपयोग अवधि को देखकर ही खरीदें।

खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को भी इस संबंध में निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं यदि किसी व्यापारी के पास कुट्टू का आटा खराब पाया जाता है उसका लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा। प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित आहार उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से एफडीए द्वारा खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने हेतु सर्विलांस सिस्टम तैयार किया गया है जिसमें की खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की एक रिस्पांस टीम बनाकर सैंपलिंग एवं निरीक्षण के सप्ताहिक लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं और लगातार खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी और खाद्य प्रयोगशाला को भी सुदृढ़ किया गया है जांच हेतु भेजें गए सैंपल की जांच भी समय से प्राप्त हो रही है ।