नगर आयुक्त महोदय से वार्ता पश्चात भी संबंधित विभागाध्यक्ष एवं प्रभारी अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे।। सुरेंद्र तेशवर
सहसंपादक अमित मंगोलिया
संपादक पीयूष वालिया
नगर निगम हरिद्वार में कार्यरत स्थाई एवं संविदा पर्यावरण मित्रों की महत्वपूर्ण समस्याओं कि और आपका ध्यान आकर्षित कराते हुए इनके निराकरण कि संगठन मांग करता है
समस्याएं जिन पर नगर आयुक्त महोदय से वार्ता पश्चात भी संबंधित विभागाध्यक्ष एवं प्रभारी अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं वर्तमान समय में पूरा देश कोरोना वायरस महामारी से चिंतित है तथा केंद्र व प्रदेश की सरकार युद्ध स्तर पर बचाव के हर संभव प्रयास कर रही हैं तथा प्रदेश सरकार के दिशानिर्देशों के अनुपालन हेतु नगर आयुक्त नगर निगम हरिद्वार समय-समय पर संबंधित अधिकारियों को सचेत करते रहते हैं किंतु स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे कुछ कनिष्ठ अधिकारी कीटनाशक दवाओं के छिड़काव आदि कार्य में लगे पर्यावरण मित्रों के स्वास्थ्य के प्रति कतई चिंतित नहीं है उदाहरणार्थ:- ऐसे अधिकारी की लापरवाही के कारण एक पर्यावरण मित्र ऋषि पाल पुत्र सौराज ज्वालापुर क्षेत्र की 18 अप्रैल 2020 को मृत्यु हो गई यह ज्ञात हुआ है कि उक्त नामक कर्मचारी की उम्र लगभग 50 वर्ष थी उसको जानबूझकर कीटनाशक दवाई के छिड़काव पर लगाया गया था जबकि पता लगा है कि उक्त मृतक कर्मचारी ने दवा छिड़काव कार्य करने में अपनी असमर्थता जताई थी इसी प्रकार नाला गैंग मैं भी कई उम्रदराज कर्मचारियों को संबंधित अधिकारी द्वारा लगाया गया है ऐसी भी जानकारी प्राप्त हुई है की ज्वालापुर हॉटस्पॉट क्षेत्र में घरों में कुंवारटीन किए हुए व्यक्तियों के घरों में जाकर प्रतिदिन की रिपोर्ट लाने हेतु पर्यावरण मित्रों एवं पर्यावरण पर्यवेक्षक को बिना उचित सुरक्षा किट भेजा जा रहा है इससे साफ-साफ जाहिर हो रहा है की संबंधित प्रभारी अधिकारी स्वास्थ्य की कार्यप्रणाली से आगे भी किसी अनहोनी की संभावना बनी हुई है
महोदय संगठन आपसे यह मांग करता है की मृतक के परिवार को 50 लाख रुपया मुआवजा दिया जाए एवं परिवार के व्यक्ति को सरकारी नौकरी वह सरकारी घर दिया जाए व संबंधित अधिकारी जिनकी लापरवाही के कारण यह घटना हुई है उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए
अतः आपसे अनुरोध है कि कर्मचारियों के साथ कोई और घटना घटित ना हो इस पर अविलंब सुधार किया जाना अति आवश्यक है ताकि भविष्य में इस तरह की पुनरावृति ना हो पाए।