चाचा-भतीजे पहाड़ के जैविक उत्पादों से चला रहे है अपनी आजीविका। देखिए रिपोर्ट

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उत्तराखण्ड: उत्तराखंड से पलायन करके जो लोग मैदानी क्षेत्रों में आ गए हैं उन्हीं के द्वारा पहाड़ी उत्पाद को मैदानी क्षेत्रों में लाकर अपनी आजीविका का साधन बनाया जा रहा है। ऐसा ही एक उदाहरण डोईवाला के अंतर्गत छिदरवाला ग्राम में रघुवीर सिंह कंडियाल और नागेंद्र कंडियाल के द्वारा एक दुकान खोलकर पहाड़ी जैविक उत्पाद पहाड़ी दालें मसाले और पहाड़ के समस्त जो उत्पाद जैसे हरसिल की राजमा, कई तरह की राजमा इनके पास है । काले भट्ट, सफेद भट्ट भंजीर तिल मंडवा का आटा, झंगोरा यहां पर इनके द्वारा रखा गया है इसके अलावा पिसा हुआ नमक जो सिलवट में पिसा हुआ है।


पहाड़ों में होने वाले रिंगाल की टोकरी या यहां पर आपको मिलेंगे सुपा मिलेगा कंडी आपको मिलेगी जिनका यूज़ आज भी हो रहा है।


1 साल से लगातार अपनी इस दुकान से अपनी आजीविका चला रहे हैं यह दोनों चाचा भतीजा काफी खुश हैं अपने इस काम से।