रायवाला में जल जीवन मिशन के तहत पानी का बिल आया ज्यादा, ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंप कर SDM से की जांच की मांग
“जल ही जीवन है जल है तो कल है” ,
“विश्व बैंक पोषित परियोजना जब से आई है घर घर में पानी पानी की खुशहाली लाई है”,
“यदि पानी और पैसा बचाना है तो जनाब मीटर भी लगाना है”
रायवाला प्रतीत नगर के उत्तराखंड जल संस्थान के कार्यालय की दीवारों पर यह स्लोगन आपको दिखाई पड़ते हैं लेकिन यह स्लोगन सिर्फ दीवारों पर ही लिखे गए हैं इनका अर्थ धरातल पर नहीं उतर रहा है विश्व बैंक की पोषित परियोजना के तहत जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर जल के मद्देनजर गांव में नई पानी के पाइप लाइन बिछाई गई थी सबके घरों में मीटर लगवाया गया । काफी ग्रामीण ऐसे भी है जिनके घरों में पाइपलाइन नही बिछी है । ग्रामीणों से कहा गया था अब सभी को मीटर लगाना अनिवार्य होगा और यह सब के लिए एक अच्छी बात है सबके घर जल पहुंच पाएगा लेकिन जब पहली बार इस नई योजना के तहत पानी का बिल आया तो ग्रामीण हक्के बक्के रह गए। यह एक के साथ ही नहीं था काफी ग्रामीण इस समस्या से जूझ रहे थे किसी का बिल ₹18000,₹12000, ₹10000,₹ 9000 तो सब ने विचार किया कि बुधवार के दिन जल संस्थान के कार्यालय में जाकर वहां बैठे अधिकारियों से पूछा जाए कि बिल इतना क्यों आया है और किस तरह से इस बिल को भरा जाए।
सभी ग्रामीणों ने रायवाला प्रधान सागर गिरी के नेतृत्व में जल संस्थान के कार्यालय का घेराव किया लेकिन मौका पाते ही वहां से अधिकारी निकल गए। मजबूरन ग्रामीणों को ऋषिकेश तहसील का रुख करना पड़ा और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया कि इस तरह जो जल मिशन योजना है इसकी जांच कराई जाए बिल तो ज्यादा है ही लेकिन जगह-जगह गांव में लीकेज की भी समस्या बनी हुई है जो पाइप लाइन बिछाई गई है उनकी गुणवत्ता अच्छी नहीं है जिस वजह से वह जगह जगह लीक हो रहे हैं।
ग्रामीणों ने इस योजना की जांच करने की मांग की है। 23 करोड़ लागत से पाइप लाइन बिछवाई गई थी ।
दिनेश सिंह बिष्ट जो एक ई रिक्शा चालक है उनका पानी का बिल ₹9000 है दिनेश का कहना है कि वह ₹10- ₹10 करके कमाते हैं कैसे वो इस बिल को दे पाएंगे या वह अपने परिवार का पेट भरे या इस पानी के बिल को दें।
राधा का कहना है की वह अपने दादा दादी के साथ घर पर रहती है और उसके घर का बिल ₹18000 आ गया है काफी गरीब है और किस तरह उसके दादा दादी इस बिल को भरेंगे क्योंकि घर का गुजारा ही बहुत मुश्किल से चल पाता है।