पितृ अमावस्या पर हरिद्वार आश्रम में सामूहिक श्राद्ध
सह संपादक अमित मंगोलिया
संपादक पीयूष वालिया
हरिद्वारः आज सर्वपितृ दर्श अमावस्या पर हरिपुर कलाँ स्थित संतश्री आशारामजी बापू आश्रम में सामूहिक श्राद्ध का आयोजन किया गया । बड़ी संख्या में दूर-दूर से आये लोगों ने इसमें भाग लिया। उल्लेखनीय है कि सामूहिक श्राद्ध का ऐसा बड़ा आयोजन हरिद्वार के इस आश्रम में, प्रतिवर्ष किया जाता है । इस सामूहिक श्राद्ध में प्रति व्यक्ति खर्च बहुत ही कम आता है और समूह में करने से फल भी अधिक होता है। श्राद्ध करने वालों को आवश्यक सामग्री आश्रम में ही उपलब्ध करायी जाती है व विद्वान ब्राह्मण द्वारा पूरे विधि-विधान के साथ सामूहिक श्राद्ध कराया जाता है । इसमें कोई भी भाग ले सकता है। रजिस्ट्रेशन लगभग 15-20 दिन पहिले ही कर लिया जाता है। सामूहिक श्राद्ध के पश्चात् विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है ।
फरीदाबाद से श्राद्ध में भाग लेने आये योगेश भाई से जब जानकारी ली गयी तो उन्होने बताया कि गंगा का किनारा, तीर्थनगरी, गुरु का द्वार व इतने कम खर्च में विधि-विधान के साथ श्राद्ध करना तो व्यक्तिगत रुप से भी संभव नहीं है तथा पितरों की जो संतुष्टि व तृप्ति यहाँ पर होती है, वह भी अमिट फलदायी है।
आश्रम मीडिया प्रभारी अलका शर्मा ने बताया कि पूज्य बापूजी सदैव सेवा के महत्त्व से अपने साधकों को अवगत कराते रहते हैं। इसी का परिणाम है कि आश्रम हरिद्वार में समय-समय पर समाज सेवा से संबधित गतिविधियाँ होती रहती हैं । अश्विन नवरात्री के दूसरे दिन बापूजी का आत्मसाक्षात्कार दिवस देश-विदेश के सभी आश्रमों में धूमधाम से मनाया जाता है । इस अवसर पर गरीब व पिछड़े इलाकों में भंडारे तथा जीवनोपयोगी सामग्री जैसे वस्त्र, बर्तन, जूते, छाते, टोपीयों आदि का वितरण किया जाता है । बच्चों में कापियाँ, पेन-पेन्सिल, तुलसी टाफियों के पैकेट बाँटे जाते हैं । आश्रम द्वारा की जा रही यह समाज सेवा अनुकरणीय है ।