पुलिस द्वारा वरिष्ठ पत्रकार से मारपीट व दुर्व्यवहार का मामले में सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन (स्टेट यूनियन ऑफ वर्किग जर्नलिस्ट, हरिद्वार)
संपादक पीयूष वालिया
सह संपादक अमित मंगोलिया
हरिद्वार। रुड़की में वरिष्ठ पत्रकार पर पुलिसकर्मियों द्वारा की गई मारपीट, गाली गलौच और किये गये दुर्व्यवहार को लेकर दोषी पुलिसकर्मियों के निलंबन की मांग को लेकर स्टेट यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने विधायक श्री सुरेश राठौर व सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री, उत्तराखंड को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि रुड़की के वरिष्ठ पत्रकार हरिओम गिरी को शुक्रवार की रात 11:00 बजे एक घटना के संबंध में किसी व्यक्ति का फोन आया। फोन आने के बाद पत्रकार हरिओम गिरी कवरेज करने के लिए गंगनहर कोतवाली मौके पर पहुंचे।
वहीं सूचना देने वाले ने इससे पहले पुलिस को फोन करके घटना की जानकारी भी दे दी थी। पत्रकार हरीओम गिरी ने मौके पर पहुंचते ही कवरेज करना शुरू कर दिया इतने मे पुलिस की जीप भी वहां पहुंच गई। गाड़ी में एसएसआई रंजीत तोमर, एसआई संजीव के अलावा 3 कॉन्स्टेबल सवार थे। पत्रकार हरिओम गिरी के अनुसार मौके पर पहुंचते ही रंजीत तौमर ने फोन करने वालों के बारे में पूछा जिस व्यक्ति ने फोन किया था उसे गाड़ी में बैठाकर मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान उसने पत्रकार हरिओम गिरी को मौके से जाने के लिए कहा। पत्रकार अपनी बाइक पर सवार होकर अपने घर की ओर चल दिया लेकिन तभी रंजीत तोमर ने पत्रकार हरिओम को दोबारा बुलाया और अपनी गाड़ी में बिठा लिया तथा उसके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी कोतवाली के भीतर ले जाकर और ज्यादा मारपीट की गई और गालीगलौच का प्रयोग भी किया गया। उसके बाद पुलिसकर्मियों ने पत्रकार हरिओम गिरी को तथा लाठी-डंडों से पीटा, यही नहीं पत्रकार के सिर में दांतो से भी काटा गया जो एक खुद में जघन्य अपराध है। रुड़की के पत्रकार साथियों ने इस मामले की शिकायत ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की तथा एसएसपी हरिद्वार से भी की है लेकिन अभी तक दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। पत्रकार हरिओम गिरी से मारपीट करने वाले एसएसआई रंजीत तौमर का विवादों से पुराना नाता है वह कलीयर में भी एक समाचार चैनल के पत्रकार के साथ पहले मारपीट कर चुके हैं लेकिन उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई ना होने से उनकी हौसले इस कदर बढ़ गए हैं कि वह ऐसे जघन्य अपराधों को करने में भी पीछे नहीं हट रहे हैं। यूनियन के संयोजक मनोज सैनी ने कहा कि सरकार को ऐसे अपराधी किस्म के पुलिस अफसरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर उन्हें निलंबित करना चाहिए।
महासचिव अरूण कश्यप ने कहा कि पीडित पत्रकार को न्याय तभी मिलेगा जब सभी दोषी पुलिसकर्मी सस्पैंड होंगे इसके लिए यूनियन आंदोलन को भी तैयार है
इस मौके पर जिलाध्यक्ष अखिलेश पोखरियाल, कोषाध्यक्ष सुमित सैनी, सचिव उपासना तेश्वर, प्रदेश सचिव गगन शर्मा, सचिव संजय बंसल, अश्वनि धीमान, नौशाद, अशोक पांडेय, अश्वनी धीमान, वीरेंद्र चड्ढा,अनिल बिष्ट, राजेश कुमार आदि पत्रकार मौजूद थे।