पूर्व प्रधानमंत्री स्व० इंदिरा गांधी जयंती पर किया गया गोष्ठी का आयोजन
ऋषिकेश -भारत की पूर्व प्रधानमंत्री स्व० इंदिरा गांधी की जयंती पर कांग्रेस भवन में गोष्ठी का आयोजन किया गया गोष्ठी की अध्यक्षता महंत विनय सारस्वत ने की गोष्ठी को संबोधन करते हुए अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत ने विचार रखते हुए कहा कि भारतीय राजनीति में महिला नेतृत्व की सूची में इंदिरा गांधी का नाम शीर्ष पर आता है।
भारत के चांद पर पहुंचने की बात हो या परमाणु शक्ति बनने की बात, इंदिरा गांधी के रहते देश में सांप्रदायिक शक्तियां कभी सर नहीं उठा पाई। भले ही उन्हें अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी पर स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने कभी देश के मान सम्मान से समझौता नहीं किया।साप्ताहिक सद्भावना कार्यक्रम के संयोजक ललित मोहन मिश्र ने कहा भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज जयंती है।
19 नवंबर 1917 में इंदिरा गांधी का जन्म पंडित जवाहर लाल नेहरू के घर में हुआ था। पंडित नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री थे। इंदिरा हमेशा अपने पिता के कंधे से कंधा मिलाकर चलती रहीं। महज 11 साल उम्र में इंदिरा ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ बच्चों की वानर सेना बनाई थी। विधायक प्रत्याशी जयेंद्र रमोला ने कहा स्व० इंदिरा गांधी जी 1938 में वह औपचारिक तौर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुईं। जब नेहरू जी प्रधानमंत्री बने तो इंदिरा ने सरकार के लिए कार्य करना शुरू किया।
हालांकि अब तक इंदिरा को शांत, मूक गुड़िया जैसा माना जाता था। पंडित नेहरू के बाद इंदिरा ने पिता की राजनीतिक विरासत संभाली और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। उन्होंने अपनी सरकार में बहुत ही दमदार और बड़े फैसले लिए। इंदिरा गांधी के ये फैसले इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गए। इस तरह एक महिला देश की आयरन लेडी बन गई।
कार्यक्रम में मदन मोहन शर्मा, विमला रावत, रवि जैन, चंदन सिंह पंवार, हरी सिंह नेगी, राजेंद्र कोठरी,प्रदीप जैन, अरविंद जैन, सरोज देवरानी, रेनू नेगी, अशोक शर्मा, सावित्री देवी, पार्षद जगत सिंह नेगी, पार्षद भगवान सिंह पंवार, कमलेश शर्मा, सिंह राज पोसवाल ऋषि,राम कुमार भतालिए, इमरान सैफी मीडिया प्रभारी, आदि उपस्थित रहे, आदि उपस्थित रहे।