प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा किसानो को खेती में “योग के प्रयोग” से होने वाली उपलब्धियों के बारे बताया गया

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ऋषिकेश -प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा किसानो के लिए शाश्वत योगिक खेती कार्यक्रम मानव चेतना केंद्र में आयोजित किया गया इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानो को खेती में “योग के प्रयोग” से होने वाली उपलब्धियों के बारे में बताना था।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माउंट आबू हेड ऑफिस से आए हुए “राजयोगी राजू (उपाध्यक्ष, ग्राम विकास प्रभाग, माउंट आबू) थे विशिष्ट अतिथि भगवान सिंह पोखरियाल (ब्लॉक प्रमुख, डोईवाला) एवं डाक पत्तथर ब्रह्माकुमारी सेंटर की प्रधान संचालिका बी के सविता रहे। कार्यक्रम का शुरुआत सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन के साथ हुआ उसके बाद कुछ बच्चों द्वारा स्वागत नृत्य के साथ किया गया।

कार्यक्रम के उद्देश्य को बताते हुए मुख्य अतिथि बी के राजू ने बताया कि माउंट आबू के ग्राम विकास प्रभाग द्वारा बिना किसी हानिकारक रसायन के बहुत अच्छी खेती व फसलें हो रही हैं । जहां आज के जमाने में बिना रासायनिक उत्पादों को यूज किए उत्पादन प्राप्त करना असंभव सा लगता है

वहीं ब्रह्माकुमारी संस्था ने उत्पादन के लिए योग का प्रयोग किया है जैसे कि पेड़, पौधों, फसलों को आध्यात्मिक संगीत सुनाना उन्हें पवित्र वाइब्रेशन भेजना एवं गोबर की खाद का इस्तेमाल करना, इसके बहुत अच्छे रिजल्ट प्राप्त हुए हैं । मुख्य बात यह है की योग के प्रयोग से उगाई गई सब्जियों में एक अभूतपूर्व चमक व ताजगी है साथ ही जो उसका इस्तेमाल करता है उन परिवारों में इन पवित्र सब्जियों से पवित्र वाइब्रेशन पहुंच रहे हैं एवं वहा के लोग व्यसन से मुक्त हो रहे हैं द्वारा बताया गया कि इनके प्रयोग से राजस्थान जैसी जगह पर केले का बंपर उत्पादन किया गया जो कि सुनने में असंभव सी बात लगती है उन्होंने कार्यक्रम में आए हुए 300 से अधिक किसानो को बताया कि कैसे योग का प्रयोग करके वे अपनी फसलों का अच्छा उत्पादन एवं परिवार को व्यसन मुक्त कर सकते हैं

विशिष्ट अतिथि भगवान सिंह पोखरियाल ने बताया की खेती में यहां आज भी परंपरागत तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे ना तो अच्छी पैदावार मिल पा रही है और फसल भी खराब होने के चांसेस काफी ज्यादा रहते हैं उन्होंने कहा कि यह प्रयोग बहुत अच्छा है इस प्रयोग से किसान की मेहनत जाया नहीं जाएगी।

ऋषिकेश सेंटर की प्रमुख संचालिका राजयोगिनी बालब्रह्मचारिणी बी 0के0 आरती ने पेड़ पौधों पर योग के प्रयोग की विस्तृत जानकारी दी एवं बताया कि छिदर्वाला के परिवार की माताएं बहने, पुह परिवार के पुरुषों से बहुत परेशान हैं गांव के पुरुष सुबह से ही पीना शुरू कर देते हैं इसलिए इन पवित्र फसलों व सब्जियों से माताएं, बहने अपने पतियों को व्यसन से मुक्त करा सकती हैं।

कार्यक्रम के अंत में 5 मिनट के डीप साइलेंस योग का अनुभव कराया गया। कि किस तरह योग द्वारा मनुष्य की वृत्ति-कृति, प्रकृति एवं फसलों को परिवर्तित किया जा सकता है। सभी आए हुए मेहमानों ने योग के अभूतपूर्व अनुभव का लाभ उठाया एवं इसकी विस्तृत जानकारी आश्रम से लेने का वादा किया।

ऋषिकेश के आस-पास के गांव में आज भी खेती मुख्य आजीविका है । ब्रह्मकुमारी संस्था समय-समय पर लोगों को जागरूक करती रहती है और ऐसे कार्यक्रम पहले भी करवाती आई है। इस कार्यक्रम में गांव के ग्राम प्रधान, पार्षद और किसान उपस्थित थे।