प्रतीतनगर में लंपी बीमारी को लेकर बैठक, पशु चिकित्सा स्टाफ की कमी से नही मिल पा रहा पशुओं को इलाज

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कोरोना संक्रमण के भयावह रूप को अभी देश भुला भी नहीं पाया है। इसी बीच देशभर के कई राज्यों में गाय-भैंसों में लंपी स्किन रोग संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिसको लेकर उत्तराखंड का पशु चिकित्सा विभाग पहले से ही निगरानी में जुटा है। पशु पालक परेशान है अपने पशुओं की बिगड़ती हालत को देखकर। लेकिन पशु चिकित्सा के लिए स्टाफ की कमी के चलते इलाज नहीं हो पा रहा है। साथ ही दवाइया की भी कमी है।

प्रतीतनगर मिलन केंद्र में बैठक में ग्रामीणों कहा पशु चिकित्सा विभाग इस बीमारी को लेकर गंभीर नहीं है। जिसका खामियाजा पशु पालकों को भुक्तना पड़ रहा है। रायवाला में दो गायों की मृत्यु हो चुकी है लंपी की वजह से।
स्टाफ की कमी होने से लंप पूरे क्षेत्र में फेल रहा है। गरीब पशु पालकों का गुजर बसर का साधन ये बेजुबान पशु ही है। जो नहीं रहेंगे तो कैसे ये लोग अपना गुजर बसर कर पाएंगे।
पशु धन प्रसार अधिकारी गोपाल सिंह नेगी का कहना है कि वो अकेले ही 5 ग्राम को देख रहे है। टीकाकरण और दवाई इलाज में कमी हो रही है साथ में स्टाफ की कमी भी है।


साथ ही गौ सेवक देवकी सुबोधी का कहना है कि आवारा बेजुबान गौवंश के बारे में भी सरकार चिंतन करें । कोविड में इंसानों के लिए सरकार ने बहुत कुछ किया लेकिन अब इन पशुओं को बचाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। इन आवारा पशुओं के लिए गौशाला बनाई जाए जहां ऐसे पशुओं को इलाज और दवाइया मिल सके।