प्रतीत नगर रायवाला में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का सफल आयोजन..
Uttrakhand Times/ Raiwala:- (21 जून 2021 ) युवक मंगल दल प्रतीत नगर के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय_योग दिवस(21 जून 2021) का सफल आयोजन कौटिल्य वाटिका वेडिंग पॉइंट में पूर्ण किया गया। कार्यक्रम को फेसबुक लाइव माध्यम से प्रसारित किया गया व योग के प्रति जागरूक किया गया।
आपको बता दे कि अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया.
प्रतीत नगर रायवाला में हो रहे योग शिविर में विकास नवानी योगाचार्य ने योग का अभ्यास कराते हुए, बताया कि किस प्रकार हम योग के माध्यम से अपने शरीर को रोगमुक्त रख सकते है। योग शरीर को शुद्ध करने का काम तो करता है इसके साथ साथ हमारे विचारों को भी शुद्ध रखने में मदद करता है.. योग से हमारे शरीर और मस्तिष्क के कार्यों को करने की क्षमता को बढ़ा देता है जिससे हम अपने जीविका के लिए कार्य करते हुए जनकल्याण में भी अपनी भूमिका निभा सकते है .
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के इस कार्यक्रम मे कोरोना के गाइड लाइन के तहत रायवाला प्रतीत नगर के युवाओं ने भाग लिया.
सफल कार्यक्रम का संचालन युवक मंगल दल प्रतीत नगर द्वारा किया गया जिसमें युवा मंगल दल अध्यक्ष अंकित तिवाड़ी , सह सचिव आशु सैनी , शुभम तिवाड़ी , यशवंत सिंह बिष्ट , राहुल ममगाईं , सोनल भट्ट, रचना लसियाल, रोहित पयाल, तनवी पंवार आदि लोग उपस्थित रहे।
कब से मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
आपको बता दे कि अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया.
जिसके बाद 21 जून को “अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस” घोषित किया गया। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को “अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस” को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमन्त्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अन्दर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है।
औपचारिक व अनौपचारिक योग शिक्षकों और उत्साही लोगों के समूह ने 21 जून के अलावा अन्य तारीखों पर विश्व योग दिवस को विभिन्न कारणों के समर्थन में मनाया। दिसंबर 2011 में, अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी, ध्यान और योग गुरू श्री श्री रवि शंकर और अन्य योग गुरुओं ने पुर्तगाली योग परिसंघ के प्रतिनिधि मण्डल का समर्थन किया और दुनिया को एक साथ योग दिवस के रूप में 21 जून को घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र को सुझाव दिया।
भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की अपील के बाद 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव को अमेरिका द्वारा मंजूरी दी, जिसके बाद सर्वप्रथम इसे 21 जून 2015 को पूरे विश्व में विश्व योग दिवस के नाम से मनाया गया।
इसके पश्चात ‘योग : विश्व शान्ति के लिए एक विज्ञान’ नामक सम्मेलन 4 से 5 दिसम्बर 2011 के बीच आयोजित किया गया। यह संयुक्त रूप से लिस्बन, पुर्तगाल के योग संघ, आर्ट ऑफ़ लिविंग फ़ाउण्डेशन और SVYASA योग विश्वविद्यालय, बेंगलुरु के द्वारा आयोजित किया गया। जगत गुरु अमृत सूर्यानन्द के अनुसार विश्व योग दिवस का विचार वैसे तो 10 साल पहले आया था लेकिन, यह पहली बार था जब भारत की ओर से योग गुरु इतनी बड़ी संख्या में इस विचार को समर्थन दे रहे थे। उस दिन श्री श्री रवि शंकर के नेतृत्व में विश्व योग दिवस के रूप में 21 जून को संयुक्त राष्ट्र और द्वारा घोषित करने के लिए हस्ताक्षर किए गए।
निम्नलिखित सदस्य उस सम्मेलन में उपस्थित थे: श्री श्री रवि शंकर, संस्थापक, आर्ट ऑफ़ लिविंग; आदि चुन चुन गिरि मठ के श्री स्वामी बाल गंगाधरनाथ; स्वामी पर्मात्मानन्द, हिन्दू धर्म आचार्य सभा के महासचिव; बीकेएस अयंगर, राममणि आयंगर मेमोरियल योग संस्थान, पुणे; स्वामी रामदेव, पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार; डॉ॰ नागेन्द्र, विवेकानन्द योग विश्वविद्यालय, बंगलुरू; जगत गुरु अमृत सूर्यानन्द महा राज, पुर्तगाली योग परिसंघ के अध्यक्ष; अवधूत गुरु दिलीपजी महाराज, विश्व योग समुदाय, सुबोध तिवारी, कैवल्यधाम योग संस्थान के अध्यक्ष; डा डी॰आर कार्तिकेयन, कानून-मानव जिम्मेदारियों व कारपोरेट मामलों के सलाहकार और डॉ॰ रमेश बिजलानी, श्री अरबिन्दो आश्रम, नई दिल्ली।