सभी लोग साक्षर हो इसी मुहिम के तहत हर साल अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है.
ज्यादा से ज्यादा लोग साक्षर हो और साक्षरता के महत्व को समझें जिसके लिए हर साल 8 सितंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ 2021 मनाया जाता है. साक्षरता ना केवल आत्मनिर्भरता दर्शाती है बल्कि व्यक्ति में आत्मविश्वाास भी जगाती है।
इस विशेष दिवस को यूनेस्को के जरिए 1966 में यूनेस्को के आम सम्मेलन के 14वें सेशन में घोषित किया गया था. वर्ष 1967 में पहली बार ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ मनाया गया. इस वर्ष की थीम ‘लिटरेसी फोर ए ह्यूमन सेंटर्ड रिकवरी: डिजिटल डिवाइड को कम करना’ है.
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2021 का इतिहास
यूनेस्को, 26 अक्टूबर, 1966 को, 8 सितंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ मनाने की घोषणा की. इस दिन के पीछे का उद्देश्य व्यक्तियों, समुदायों और समाज को प्रोत्साहित करना था. संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार, प्रगति के बावजूद, दुनिया भर में कम से कम 773 मिलियन वयस्कों में बुनियादी लिटरेसी स्किल की कमी है.
यूनेस्को के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2021 में ये पता लगाया जाएगा कि साक्षरता कैसे ह्यूमन सेंटर्ड रिकवरी के लिए एक ठोस आधार बनाने में योगदान दे सकती है, जिसमें लिटरेसी और नॉन-लिटरेट युवाओं और वयस्कों के लिए जरूरी डिजिटल स्किल्स के इंटरप्ले पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
ये इस बात का भी पता लगाएगा कि क्या तकनीक-सक्षम साक्षरता सीखने को इनक्लूसिव और मीनिंगफुल बनाता है ताकि कोई पीछे न छूटे. ऐसा करने से, ILD2021 महामारी के कॉन्टेक्स्ट में और उसके बाहर, भविष्य की लिटरेसी टीचिंग और सीखने को फिर से इमेजिन करने का एक मौका होगा.”
इस साल क्या है थीम
इस बरस की थीम है ”कोविड काल में साक्षरता और उसका आने वाला कल”, .इसमें तवज्जो शिक्षकों और बदलती हुई शिक्षा पद्धति पर है। यानी शिक्षा एक जीवनपर्यन्त यात्रा है और जिसका फोकस युवाओं पर है। विशेषज्ञों के मुताबिक़ इस दौर में तमाम ऐसी चुनौतियाँ पेश आयीं जिनका इतिहास में कोई ज़िक्र तक नहीं है। तमाम देशों में कोविद के चलते साक्षरता कार्यक्रमों पर खासा बुरा असर पड़ा और कुछ ही संपन्न देश ही ऑनलाइन शिक्षण करा पाए। इसी के चलते दुनिया भर में अब शिक्षण के नए आयाम गढ़े जा रहे हैं, संवाद के बेहतर तौर तरीके विकसित हो रहे हैं, नयी नीतियां बनायीं जा रही हैं। इस पहल में तकनीक बड़ी भूमिका अदा कर रही है।
फिलहाल, संयक्त राष्ट्र के आकड़ों के मुताबिक़ दुनिया भर में करीब 77 करोड़ व्यस्क और युवा अशिक्षित है। साथ ही लगभग 61 करोड़ ऐसे बच्चे और किशोर हैं जो वाचन और गणित में बुनियादी तौर पर कमज़ोर हैं।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2021 का महत्व
लोगों को साक्षर होने और सामाजिक और मानव विकास के अपने अधिकारों को जानने की जरूरत के बारे में जागरूक करने के लिए ये दिन हर साल ऐसे ही मनाया जाता है. साक्षरता न केवल लोगों को बेहतर जीवन जीने में मदद करती है बल्कि गरीबी उन्मूलन, जनसंख्या को नियंत्रित करने, बाल मृत्यु दर को कम करने आदि में भी मदद करती है.
ये दिन लोगों को बेहतर शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है. यूनेस्को इस दिन लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और गांवों में कई कार्यक्रम आयोजित करता है.
2015 में, संयुक्त राष्ट्र ने लोगों के जीवन में क्वालिटी एजुकेशन और सीखने के मौकों तक यूनिवर्सल एक्सेस को बढ़ावा देने के लिए सस्टेनेबल डेवलपमेंट एजेंडा अपनाया. सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल 4 का एक टारगेट ये सुनिश्चित करना है कि सभी युवा लिटरेसी और न्यूमरेसी हासिल करें और वयस्कों, जिनके पास इन स्किल्स की कमी है, को उन्हें हासिल करने का मौका दिया जाता है.