बांग्लादेशी महिला कैसे बनी ऋषिकेश विधानसभा की वोटर

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ऋषिकेश में हैरान करने वाला मामला सामने आया है जिसने लोगों को सोचने को मजबूर कर दिया है। ना जाने कितने लोग हमारे अगल बगल ऐसे रह रहे हो । बांग्लादेशी महिला के गिरफ्तार होने पर सबके कान खड़े हो गए है। और शासन प्रशासन के तंत्र पर सवालिया निशान छोड़ रहे है। 15 सालों से सोनिया चौधरी अवैध दस्तावेज के साथ ऋषिकेश के आवास विकास कालोनी में रह रही थी।

आपको बता दे कि यह महिला 2007 में ऋषिकेश आ गई थी। निर्वाचन कार्यालय की ओर से मतदाता फोटो पहचान पत्र उसे पहली बार 11 फरवरी 2007 को जारी किया गया था। जिसमें उसका वर्तमान पता 237-238 आवास विकास कॉलोनी तहसील ऋषिकेश जिला देहरादून दर्ज किया गया। बांग्लादेशी महिला 2007 में भारत आई थी और इसी वर्ष इसका मतदाता पहचान पत्र भी बन गया। बता दें कि खुफिया विभाग की जांच के बाद पुलिस ने बुधवार को ऋषिकेश में वर्ष 2007 से रह रही बांग्लादेशी महिला सोनिया चौधरी पत्नी बावला चौधरी को गिरफ्तार कर लिया था।

ऋषिकेश के आवास विकास कॉलोनी क्षेत्र में एक बांग्लादेशी महिला पिछले 15 साल से पहचान छिपाकर रह रही थी, लेकिन किसी को कानोंकान खबर तक न हुई। हैरानी वाली बात ये है कि आरोपी महिला ने यहां रहते हुए भारतीय दस्तावेज भी बनवा लिए थे। इनके आधार पर महिला ने यहां घर भी खरीद लिया था और रजिस्ट्री भी करवा ली थी। एक साल में ही आरोपी महिला ऋषिकेश की वोटर बन गई। आरोपी महिला की गिरफ्तारी के बाद ऐसे कई खुलासे हुए हैं, जिन्होंने सबको चौंका दिया है। जांच में पता चला है कि यह महिला भारतीय नागरिक नहीं है, ऐसे में मतदाता पहचान पत्र कैसे बना दिया गया, ये बड़ा सवाल है। बांग्लादेशी पासपोर्ट के मुताबिक भारत में रहने का उसका समय समाप्त हो गया था।