‘भारतीय संस्कृति और नैतिक शिक्षा के आयाम’ डॉ. अखिलेश चंद्र चमोला द्वारा रचित पुस्तक का विधानसभा अध्यक्ष ने किया विमोचन
उत्तराखण्ड टाइम्स/ देहरादून:- आज का युवा पश्चिमी सभ्यता की तरफ बढ़ता जा रहा है लेकिन अपनी संस्कृति जिसमें तमाम गुण और उपलब्धियां बसी पड़ी है उन से विमुख होता जा रहा है। नैतिक शिक्षा मानो भूल सा गया है। आज के समाज को भारतीय संस्कृति और नैतिक शिक्षा के महत्व को बताने के लिए डॉ. अखिलेश चंद्र चमोला ने पुस्तक के माध्यम से एक अनूठा प्रयास किया है जिससे आज की पीढ़ी अपने संस्कृति को आज के आयामों में जोड़ कर देखें और अपने त्यौहार अपने मान्यताएं, मंदिर, सभ्यताओं, इन सब के प्रति श्रद्धा को बनाए रखें। इसके साथ ही जीवन में आर्थिक, सामाजिक, सफलता पाकर मोक्ष को प्राप्त करें।
रविवार को देहरादून उत्तरांचल प्रेस क्लब में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के द्वारा भारतीय संस्कृति और नैतिक शिक्षा के आयाम अखिलेश चंद्र चमोला के द्वारा लिखी पुस्तक का विमोचन किया गया। पुस्तक के विमोचन का कार्यक्रम के संयोजक रहे वरिष्ठ पत्रकार चंद्रवीर गायत्री ने कहा कि लेखक साहित्यकारों को लेखन का कार्य करते रहना चाहिए जिससे कि समाज का एक मार्गदर्शन हो सके अखिलेश चंद्र चमोला को बधाई दी।
पुस्तक विमोचन के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष के स्वागत में पर्वतीय सांस्कृतिक और लोक मंच के कलाकारों ने मांगलिक गीत गाकर स्वागत किया।
पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने अखिलेश चंद्र चमोला को शुभकामनाएं दी और कहा कि इस तरह की पुस्तकें समाज में आनी चाहिए जिससे समाज का उत्थान हो सके जिस तरह से आज की पीढ़ी पाश्चात्य की तरह बढ़ती जा रही है तो वह अपनी भारतीय संस्कृति तथा नैतिक शिक्षा को भी एवं उनके महत्व को भी समझें और अपने जीवन में इसे उतारे।
इस अवसर पर अग्रवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति जिसकी प्रसिद्धि सम्पूर्ण विश्व में हमेशा से रही है, उस भारतीय संस्कृति पर आधारित पुस्तक का लोकार्पण अच्छी पहल है ऐसे समय में जब पश्चिमी सभ्यता का बढ़ता प्रभाव हो, तब इस पुस्तक की पुस्तिका का प्रकाशन अति आवश्यक है l
अग्रवाल ने कहा कि पुस्तक के लेखक अखिलेश चन्द्र चमोला ने बहुत खूबसूरत तरीके से भारतीय संस्कृति व नैतिक शिक्षा का समावेश किया है इस पुस्तक से युवा पीढ़ी को अपनी प्राचीनतम भारतीय संस्कृति को समझने व जानने का अवसर प्राप्त होगा और साथ ही समाज में नैतिक मूल्यों में जो गिरावट आई है, उससे उभरने के लिए भी पुस्तक में अनेक बातों का उल्लेख किया गया है।
रामायण – महाभारत वेद एवं पुराण आदि ग्रन्थ आज भी जीवन जीने की प्रेरणा देते है। हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास में हमारी सहायता करता है। और कहा कि वर्तमान समय में जब लोग सोशल मीडिया को ही देख व पढ़ रहे हैं, ऐसे समय में लोगों की पुस्तकों को पढ़ने की रूचि कम हो गयी है, जो चिंता का विषय है।
कार्यक्रम में कोरोना योद्धा के रूप में अनेक लोगों को सम्मानित भी किया गया । जिसमें नरेंद्र सिंह भंडारी सूर्य प्रकाश एवं ताजवर सिंह नेगी रहे।
इस अवसर पर कंपनी डायरेक्टर सूर्य प्रकाश, पुस्तक के लेखक डॉ अखिलेश चंद्र चमोला, कार्यक्रम के संयोजक चंद्रवीर गायत्री, चंद्र प्रकाश भारती, राखी रावत, तमन्ना गुसाईं, शारदा गौड़, सुनीता रावत, रेखा भंडारी, सुषमा खंडूरी, भूपत सिंह बिष्ट आदि सहित अनेक लोग उपस्थित थे ।
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