भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन व्यय की सीमा 40 लाख निर्धारित

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देहरादून : आज गुरुवार 20 जनवरी को जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ0 आर राजेश कुमार ने अवगत कराया है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन व्यय की सीमा 40 लाख निर्धारित की गई है। निर्वाचन में प्रतिभाग करने वाले प्रत्यिाशियों को समस्त व्ययो का अंकन लेखा विवरण पंजिका में करना होगा तथा यह लेखा नामंाकन की तिथि से परिणाम घोषित होन की तिथि के मध्य (दो तिथियों को सम्मिलित करते हुए ) किए जाने वाला व्यय होगा। निर्वाचन व्यय पंजिका में नामाकंन फाॅर्म शुल्क, जमानत की धनराशि शपथ-पत्र एवं नामाकंन से ंसंबंधित विविध व्यय
भी सम्मिलित किए जाएगें। निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की निर्वाचन व्यय पंजिका का निरीक्षण माननीय पे्रक्षक द्वारा निर्धारित सारणी अनुसार 3 बार किया जाएगा तथा व्यय पंजिका का मय स्वप्रमाणित बाउचर का निरीक्षण प्रत्याशी द्वारा अथवा अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा कराया जाना अनिर्वाय होगा। प्रचार-प्रसार हेतु समस्त सामग्री/वस्तुओं को जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा निर्धारित की गई दरों के अनुसार व्यय पंजिका में अंकन किया जाएगा। निर्वाचन के दौरान कार्यकताओं से संबंधित समस्त व्यय एवं उनके चाय, नाश्ता, सूक्ष्म जलपान/भोजन आदि व्यय, समाचार पत्रों/इलेक्ट्रानिक मीडिया में किए गए प्रचार-प्रसार का व्यय, चुनाव प्रचार में लगाए गए वाहनों के किराये एवं प्रयुक्त डीजल/पेट्रोल व्यय एवं वाहन चालक की दैनिक मजदूरी का अंकन अनिवार्य रूप से किया जाएगा। निर्वाचन के दौरान दूरभाष/मोबाईल/ब्राॅड बैंड /इंटरनेट/सोशल मीडिया पर हुए व्यय तथा अन्य विविध व्यय जो सामान्य रूप से प्रक्रिया के दौरान होते हैं का भी अंकन व्यय पंजिका में किया जाएगा। निर्वाचन व्यय लेखा प्रस्तुत करते समय निर्वाचन व्यय हेतु खोले गए खाते की पासबुक अथवा लेन-देन का विवरण पत्र की स्वप्रमाणित छायाप्रति प्रस्तुत करने अनिवार्य है। भारत निर्वाचन आयोग के निदेशानुसार निर्वाचन के दौरान सभी राजनैतिक दलों एवं निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को निर्वाचन प्रचार-प्रसार की सामग्री (पोस्टर बैनर इत्यादि) में मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के हित में प्लास्टिक को एकल उपयोग न करने एवं पर्यावरण के अनुकूल प्रचार सामग्री का उपयोग करने हेतु निर्देशित किया गया है। उन्होंने निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को निर्वाचनों के परिणाम घोषित होने के 30 दिन के अन्दर जिला निर्वाचन अधिकारी के सक्षम अपने निर्वाचन व्यय का लेखा दाखिल करना होगा। उन्होंने अवगत कराया कि नियत तिथि/स्थान/समय पर व्यय पंजिका प्रस्तुत न किए जाने की स्थिति को गम्भीरता को पूर्वक लिया जाएगा एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की सुसंग्त धाराओं के अन्तर्गत बिना किसी पूर्वाग्रह के दण्डनीय कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जाएगी। जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व संबंधित का होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशियों को निर्वाचन कार्यों में प्रयुक्त दूरभाष/मोबाईल/ब्राॅड बैंड़/इंटरनेट नंबर तथा वह किस किस नाम से आवटित है, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में स्थापित चुनाव कार्यालयों के पते एवं वहां पर नियुक्त प्रभारी एवं सहायक प्रभारियों का नाम पता एवं दूरभाष संख्या, निर्वाचन कार्यों में प्रयुक्त कुल वाहनों की संख्या वाहनों के प्रकार एवं उनके नंबर/लाउडस्पीकर का उल्लेख, प्रत्याशी के सूक्ष्म एवं पूर्ण नमूने के हस्ताक्षर, अधिकृत व्यक्ति/मुख्य निर्वाचन अभिकर्ता का नाम पता मोबाईल नंबर दूरभाष नंबर तथा प्रमाणित हस्ताक्षर जिसके द्वारा व्यय विवरण प्रस्तुत किया जाना है। अभ्यर्थी का पूर्ण पता (आवासीय एवं मुख्य कार्यालय दोनों) एवं दूरभाष तथा मोबाईल नंबर आदि विवरण अनिवार्यत प्रस्तुत किया जाना है।