मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड सरकार के100 दिन पूरे होने पर अच्छा कार्य करने का दावा किया

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देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दूसरे कार्यकाल का 100 दिन गुरुवार को पूरा हो गया और इस मौके पर उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने इस दौरान ‘अच्छा कार्य’ किया है. साथ ही उन्होंने 2025 तक उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की प्रतिबद्धता जताई.

हालांकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार के 100 दिनों के कार्यकाल को पूरी तरह विफल करार देते हुए कहा कि ‘‘मात्र घोषणाएं करने से उपलब्धियां हासिल नहीं होतीं.’’ मुख्यमंत्री धामी ने ट्वीट कर कहा कि मैं अपने प्रदेश की सवा करोड़ जनता को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हम 2025 तक उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने हेतु प्रतिबद्ध हैं और पूर्ण समर्पण भाव के साथ इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं . उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के 100 दिन विकास, समर्पण और प्रयास के रहे हैं. जनता ने हम पर जो विश्वास दिखाया, उस पर हमारी सरकार खरा उतरेगी. हमने 100 दिन में अच्छा कार्य किया है और आगे भी अच्छा कार्य करने के साथ नया कीर्तिमान बनायेंगे.’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपेक्षानुसार 2025 तक उत्तराखंड को देश का नंबर एक राज्य बनाने के लिये सभी के सहयोग से काम किया जा रहा है और समृद्ध तथा आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपने हर वादे को पूरा करने में जुटे हैं.

लगातार दूसरी बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनकर इतिहास रचने वाले धामी ने 23 मार्च को दूसरी बार पद की शपथ ली थी. साल की शुरूआत में हुए विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को लगातार दूसरी बार जीत मिली थी लेकिन धामी खुद अपनी सीट खटीमा से हार गए थे. बाद में चंपावत सीट पर 31 मई को हुए उपचुनाव में उन्होंने 55 हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल की. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने धामी सरकार के 100 दिनों के कार्यकाल को पूरी तरह विफल करार दिया और कहा कि मात्र घोषणाएं करने से उपलब्धियां हासिल नहीं होतीं.’’ उन्होंने कहा कि धामी सरकार चारधाम यात्रा से लेकर विकास के मुददे तक हर मामले में विफल रही है. सरकार का बजट 2000 करोड रूपये के घाटे में है और प्रति व्यक्ति कर्ज के मामले में प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है. 2017 में उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति कर्ज 35,000 रूपये था जो 2022 तक भाजपा सरकार ने एक लाख चार हजार करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया. ।