मेयर समेत तीन नेताओं पर अनुशासनहीनता का लगा आरोप, पार्टी ने एक सप्ताह में मांगा जवाब।
ऋषिकेश मेयर अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती ,पौडी से पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को भाजपा ने दिया कारण बताओ नोटिस ।
Uttrakhand Times/ Rishikesh: विधानसभा चुनाव को महज कुछ ही महीने बाकी है सत्ता में रह रही भा जा पा सरकार अपने कार्यकर्ताओं की किसी भी गलती को बर्दास्त करने के मूड में नही है जिस वजह से भाजपा ने अपने पार्टी के नेताओ को कारण बताओ का नोटिस जारी कर दिया है ।
प्रदेश भाजपा ने ऋषिकेश नगर निगम की मेयर अनीता मंमगाई समेत पार्टी के तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के कारण बताओ नोटिस जारी किया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस भेजे हैं उन्होंने तीन नेताओं से 1 सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
आरोप है कि ऋषिकेश की मेयर अनीता मंमगाई और ऋषिकेश मंडल के अध्यक्ष दिनेश सती ने एक दूसरे के खिलाफ मीडिया में बयानबाजी की। इससे पार्टी को असहज होना पड़ा। इसी तरह पार्टी ने पौड़ी के पूर्व जिला अध्यक्ष मुकेश रावत को भी बताओ नोटिस जारी किया है।
मुकेश रावत पर क्षेत्रीय विधायक के खिलाफ बयानबाजी करने का आरोप है पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने बताया कि तीनों नेताओं को कारण बताओ का नोटिस जारी कर दिए 1 हफ्ते में जवाब देने को कहा है।
विधानसभा क्षेत्र में भाजपा दो खेमे में बंटी नजर आती है मेयर और विधानसभा अध्यक्ष के बीच की तकरार किसी से छिपी नहीं है। भाजपा प्रदेश आलाकमान को भी पता है कि गुटबाजी आगामी विधानसभा चुनाव पर भारी पड़ सकती है बुधवार को भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं कार्यालय प्रभारी कुलदीप कुमार ने मेयर अनीता मंमगाई को भाजपा ऋषिकेश मंडल अध्यक्ष दिनेश सती को कारण बताओ नोटिस जारी किया दोनों को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।
महापौर व पार्षदों के बीच विवाद चल रहा है। साथ ही महापौर का मंडल अध्यक्ष के साथ समन्वय नहीं है। आरोप लगाया गया है कि पार्टी के इन आंतरिक मामलों को मीडिया में प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है। इससे पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। नोटिस के अनुसार पार्टी संविधान के तहत यह सब अनुशासनहीनता के दायरे में आता है।
चुनाव के नजदीक आते ही अनुशासन के नाम पर कार्यकर्ताओं को एकजुट होने का संदेश दे रही है भाजपा ।भाजपा को अंदेशा है कि कार्यकर्ताओ की गुटबाजी का फायदा दूसरे दल के नेता ले जा सकते है इसी को देखते हुए अपने कार्यकताओ पर अपना शिकंजा कस्ते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा हैं।