मैंने पार्टी को सब कुछ समर्पण किया लेकिन मुझे किया दरकिनार, भगतराम कोठारी का छलका दर्द।
भगतराम कोठारी ने मीडिया के सामने छलकाया अपना दर्द। बातचीत करते हुए उन्होंने पार्टी के लिए किए गए अब तक के कार्यों की जानकारी भी दी। कहा कि 2017 में भाजपा का दामन थामने के बाद सच्चे सिपाही की तरह उन्होंने विधानसभा और निकाय चुनाव में जी जान लगा दी। तन मन के साथ धन तक की परवाह नहीं की। निकाय चुनाव में उनकी पत्नी चारू माथुर कोठारी का टिकट होने के बावजूद काट दिया गया, फिर भी उन्होंने भाजपा की प्रत्याशी को अपना समर्थन देते हुए विजय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कहा कि 15 सालों से लगातार पैराशूट प्रत्याशी को टिकट दिया जा रहा है। जिससे ऋषिकेश विधानसभा का विकास ठप पड़ा है। बताया कि 2022 विधानसभा चुनाव के लिए उन्होंने भाजपा हाईकमान के सामने टिकट की दावेदारी की है। जिस पर हाईकमान को नजरें इनायत करने की जरूरत है। पूछे गए सवाल के जवाब में कोठारी ने बताया कि यदि उन्हें टिकट नहीं मिलता तो वह न तो पार्टी से बगावत करेंगे न हीं निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
भगतराम कोठारी ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और स्थानीय विधायक के बीच की रार किसी से छुपी ने नही है। यह दूसरी वजह रही कि मुख्यमंत्री ने कभी ऋषिकेश विधानसभा की ओर ध्यान ही नहीं दिया। जिससे विकास का पहिया ऋषिकेश विधानसभा में ज्यादा रुका है। भगतराम कोठारी का कहना है कि विधायक निधि से सड़के बनाने और पथ प्रकाश की व्यवस्था कर देने से क्षेत्र का विकास नहीं होता। ऋषिकेश चार धाम यात्रा और गढ़वाल का प्रवेश द्वार कहा जाता है। पिछले 15 सालों में अभी तक किसी नए स्कूल कॉलेज अस्पताल का निर्माण तो दूर फाइलों में भी इसका जिक्र नहीं किया गया है। इससे समझा जा सकता है कि शहर का विकास किस स्तर पर होना था।