यूक्रेन में फंसे छात्रों को लेकर चिंतित परिजन , राज्य सरकार से की हेल्पलाइन नंबर जारी करने की मांग

खबर शेयर करें -

रूस यूक्रेन के बीच बढ़ते विवादों की वजह से वहां पढ़ रहे छात्रों के परिजन काफी चिंतित है। यूक्रेन में पढ़ रहे छात्रों के परिजनों ने कहा है कि अभी उनकी अपने बच्चों से बात हो रही है । लेकिन वहां की बिगड़ती स्थिति को देखकर परिजन काफी परेशान है। उत्तराखण्ड के कितने स्टूडेंट्स यूक्रेन में है इस बात का अभी शासन प्रशासन के पास कोई आंकड़े नहीं है ।

यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे छात्रों की मानें तो वहां पर उत्तराखंड के छात्रों की संख्या 400 से 500 के बीच हो सकती है तो वहीं इस सब के बीच अब कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश सरकार से हेल्पलाइन नंबर जारी करने की मांग की है। जिससे यूक्रेन से छात्र मदद के लिए सीधा संपर्क कर सकें।


इस मामले को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता वशी जैदी ने कहा कि हालांकि, केंद्र सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, लेकिन प्रदेश सरकार अभी भी कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं। जबकि, अभी यह आंकड़े भी साफ नहीं हो पाए हैं कि उत्तराखंड के कितने छात्र यूक्रेन में हैं?

उनका कहना है कि छात्रों के लिए भारतीय दूतावास और उनकी यूनिवर्सिटी ने वापसी की एडवाइजरी जारी कर दी है। जैदी ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि यूक्रेन में फंसे छात्रों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर उन्हें वापस लाने के लिए उचित व्यवस्था की जाए। जिससे छात्र सकुशल स्वदेश लौट सकें।

वर्ष 1991 में सोवियत संघ का जब विघटन हुआ, तब 15 देश बनें थे। इसमें एक यूक्रेन भी शामिल है। वहां पर गैस और अतिरिक्त संसाधन के साथ सामरिक दृष्टि से भी रूस और अमेरिका के बीच बर्चस्व की लड़ाई लंबे समय से चल रही है। इस बीच यूक्रेन नाटो का सदस्य बनना चाह रहा है। इसे लेकर रूस ने आपत्ति जताई, साथ ही धमकी दी कि यदि यूक्रेन सदस्य बनता है तो करारा जवाब दिया जाएगा। साथ ही यूक्रेन की सीमा पर टैंक तैनात कर दिए थे। इसे लेकर इंटरनेट मीडिया में खूब खबरें चल रही हैं।