वन्य जीव भी हो रहे है मानवीय गलतियों का शिकार। हाथी के गोबर में पाई गई पॉलिथीन ।
मंगलवार की सुबह जब लोग मॉर्निंग वॉक के लिए निकले तो एक दांत वाला गजराज भी वॉकिंग करते हुए खदरी की सड़को पर आ धमका । देखने में आया कि हाथी द्वारा जो मल त्यागा गया उसमें पॉलिथीन पाई गई। जो एक विचार करने योग्य बात है।
आपको बता दे कि सड़कों के किनारे लगे कचरे के ढेर में सामूहिक भोज एवं आयोजनों के बचे भोजन को लोग प्लास्टिक पॉलीथिन में बाँधकर जहाँ तहाँ फेंक देते हैं। जिसे वन्यजीव खा रहे हैं।परिणामस्वरूप स्वरूप यह पेट मे जाकर घुलती नहीं है और इसका असर उनके जीवन पर पड़ रहा है। भोजन की तलाश में वन्यजीव आबादी की ओर बढ़ने लगे हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है कि जँगली हाथी द्वारा किये गये मल त्याग में बडी मात्रा में पॉलीथिन निकल रही है। उन्होंने ग्रामीणों से आयोजनों के बचे हुये भोजन को गड्ढों में दफनाने और सड़कों के किनारे ईधर उधर कूड़ा करकट नहीं फेंकने का आग्रह किया।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त पर्यावरण प्रमुख विनोद जुगलान ने कहा कि सड़कों पर शादी पार्टियों में बचे भोज के अपशिष्ट पदार्थों को फेंकने से न केवल गन्दगी बढ़ रही है बल्कि निराश्रित पशुओं सहित वन्यजीवों की सेहत भी बिगड़ जाती है। हमें प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण में मिलजुलकर सहयोग करना चाहिए।
श्यामपुर न्याय पँचायत अंतर्गत आस पास के गाँवों में जँगली हाथियों की आमद से ग्रामीण एवं किसान चिन्ता में हैं ही। इधर धान की बुआई का जैसे जैसे समय निकट आरहा है वैसे ही वन्यजीवों की आमद से किसानों की चिन्ता बढ़ रही है।