वन भूमि घोटाले में हरिद्वार का पूर्व रेंजर गिरफ्तार

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Uttrakhand Times/ Haridwar :सीबीसीआईडी ने 20 साल पुराने हरिद्वार के चर्चित वन भूमि घोटाले में आरोपी पूर्व रेंजर को उत्तर प्रदेश स्थित घर में दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। आरोपी वन अधिकारी ने वन विभाग की 500 बीघा भूमि को कूटरचना कर जेड ए से नॉन जेड ए में बदल दिया था। इसकी बदौलत बेशकीमती वन भूमि पर कब्जा कर लिया गया था।

आपको बता दे कि 20 अप्रैल 2001 में तत्कालीन तहसीलदार जयपाल सिंह ने हरिद्वार के ज्वालापुर थाने में भूमि घोटाले को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें 11 लोगों को नामजद किया गया था। गिरफ्तार तत्कालीन वन रेंजर आरपी गुप्ता भी आरोपियों में से एक है। जांच के बाद आरोपी वन रेंजर की करतूत सामने आई। सीबीसीआईडी देहरादून सेक्टर के अपर पुलिस अधीक्षक लोकजीत सिंह ने बताया कि वन विभाग की 500 बीघा भूमि को अभिलेखों में कूटरचना कर जेड ए से नॉ जेड एक में बदल दिया गया। वन रेंजर ने अपनी मिलीभगत से आरोपियों को वन भूमि पर कब्जा करने दिया।

इधर, जांच में आरोप सत्य प्रतीत होने पर सीबीसीआईडी ने गिरफ्तारी के लिए उत्तर प्रदेश शासन की अनुमति ली। इसके बाद गुरुवार को सेक्टर सीओ हेमेंद्र नेगी के निर्देशन में सीबीसीआईडी की एक टीम ने उत्तर प्रदेश के जिला लखीमपुर खीरी के कुम्हारण टोला गोला गोकरणनाथ निवासी तत्कालीन वन रेंजर को गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को आरोपी को हरिद्वार कोर्ट पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। टीम में विवेचक निरीक्षक राकेश कुमार, आरक्षी रामकिशोर, हरमिंदर सिंह, विनोद शामिल थे।