श्रीनगर के होनहार अनुज बने सेना में अफसर, पूरे उत्तराखंड को किया गौरवान्वित
जिंदगी में अगर कुछ करने की ललक मन में हो तो बड़ी से बड़ी कठिनाई भी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। मंजिल चाहे कितनी भी दूर हो, रास्ते भले ही चुनौतियों से भरे हुए हों, अगर मन में हौसले बुलंद हो तो क्या कुछ नहीं हो सकता। ऐसे ही जीते-जागते उदाहरण हैं अनुज चौधरी जिन्होंने वाकई तमाम मुश्किलों को पार करते हुए अपने बुलंद हौसले के कारण एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है और भारतीय सेना में अफसर बन गए हैं। बीते शनिवार को देश को 341 यंग ऑफिसर मिले जिनमें अनुज चौधरी का नाम भी शामिल हैं। श्रीनगर के होनहार युवा अनुज चौधरी बीते शनिवार को (इंडियन मिलिट्री अकादमी) से पास आउट होकर सेना में अफसर बन गए हैं और इसी के साथ उन्होंने पूरे उत्तराखंड को गौरवान्वित किया है
आपको बता दें कि अनुज चौधरी बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं मगर उन्होंने कभी भी इसको अपने सपनों के बीच में आड़े नहीं आने दिया और उन्होंने तमाम चुनौतियों को पार कर भारतीय सेना में अफसर बनकर अपने माता पिता का नाम गर्व से ऊंचा किया है। उन्होंने अपनी मंजिल के रास्ते में कभी भी अपनी गरीबी या अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को नहीं आने दिया और कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने आखिरकार मुकाम हासिल कर लिया है। आपको बता दें कि अनुज चौधरी श्रीनगर के रहने वाले हैं। उनके पिता श्रीनगर की एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करते हैं। उनके पिता की पहले खुद की एक प्रेस थी मगर आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उनको नौकरी करनी शुरू करनी पड़ी। अपने घर की आर्थिक स्थिति को जानने के बावजूद भी अनुज चौधरी का लक्ष्य डगमगाया नहीं
उनके पिता ने परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के बावजूद भी अपने बेटे के सपनों को पूरा करने के लिए जी-जान से मेहनत की और उसका हर कदम पर साथ दिया। अनुज ने कक्षा छठी तक की पढ़ाई कॉन्वेंट स्कूल से की है जबकि उन्होंने आगे की पढ़ाई सैनिक स्कूल घोड़ा खाल से की है। सैन्य परिवेश में अनुज इतने घुल-मिल गए कि उन्होंने स्कूली शिक्षा के दौरान ही आर्मी में जाने का मन बना लिया और भारतीय सेना में जाने के लिए तभी से मेहनत करने लगे और आज उन्होंने अपनी परेशानियों को अपनी ताकत बनाते हुए अपनी मंजिल को पा लिया है। अनुज की इस उपलब्धि पर उनके माता-पिता बेहद गौरवान्वित हैं और गर्व महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनके बेटे के परिश्रम, लगन और मेहनत के परिणाम देख कर आज वे गर्वित महसूस कर रहे हैं।